शहर में नहीं है कहीं पियाऊ

पूर्णिया: तेज धूप व जलन भरी गरम हवा पूर्णिया वासियों को इन दिनों हलकान कर रहा है. शहर में पियाऊ के अभाव ने बोतल बंद ठंडे पानी के बाजार को गरमा दिया है. शहर में कहीं भी गरीबों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं है. अलबत्ता पियाऊ लगाने को लेकर मांग उठने लगी है. पिछले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2015 10:05 AM

पूर्णिया: तेज धूप व जलन भरी गरम हवा पूर्णिया वासियों को इन दिनों हलकान कर रहा है. शहर में पियाऊ के अभाव ने बोतल बंद ठंडे पानी के बाजार को गरमा दिया है. शहर में कहीं भी गरीबों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं है. अलबत्ता पियाऊ लगाने को लेकर मांग उठने लगी है.

पिछले कई दिनों से लगातार पड़ रही गरमी और तेज धूप से शहर वासियों के साथ जिला मुख्यालय तथा आर्थिक मंडी पहुंचने वाले व्यापारी, किसान कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है. धूप से बचने के लिए छाते का सहारा भी नाकाफी साबित हो रहा है बल्कि राहत के नाम पर पंखे की हवा भी बिजली की लुका-छिपी में नसीब नहीं हो रही है. राह चलते अगर गरमी के ताप से कंठ सूख गयी, प्यास लगी तो न तो कहीं प्याऊ की व्यवस्था है न ही वाटर टावर से निकला शुद्ध पेय जल का पाइप जहां प्यास बुझायी जाये. हालात ये है कि शुद्ध व शीतल पेयजल की व्यवस्था के अभाव में जेब ढीले करने पड़ेंगे.

ठंडे पानी का बाजार गरम

गरमी बढ़ते ही बोतल बंद पानी का बाजार गरम हो चला है. प्यास बुझाने की मजबूरी और शहर के व्यस्ततम इलाका बाजार, मंडी, चौराहों पर प्याऊ का अभाव पानी के कारोबार में चार चांद लगा रहा है. मजबूरी यह की बोतल बंद पानी के दामों में मनमानी के बाद भी शुद्धता का पैमाना कौन पूछे, जब व्यवस्था नदारद हो. ऐसे में पांच से आठ रुपये का बोतल बंद पानी पंद्रह से बीस रुपये में बिक रहे हैं.

विवश हैं मजदूर-चालक

इन सबके बीच पूर्णिया एवं गुलाबबाग मंडी में मजदूरी करने एवं टेंपो, टैक्सी चला कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने आये सैकड़ों मजदूरों, रिक्शा, चालकों की परेशानियां गरमी ने बढ़ा दी है. इनके पास न तो जूस न लस्सी न ही बोतल बंद पानी खरीदने की व्यवस्था है.

यहां हो पियाऊ

शहर के आरएन साह चौक, गिरजा चौक, फोर्ड कंपनी चौक, लाइन बाजार, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड, खुश्कीबाग के कटिहार मोड़ पर इसके अलावा गुलाबबाग के सोनौली चौक, राममोहनी चौक, बाजार समिति गेट पर तथा जीरो माइल में स्थायी प्याऊ की व्यवस्था की जरूरत है.

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