35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीएचसी वीरान, क्लीनिक गुलजार

पंकज झा, पूर्णिया:बायसी पीएचसी में न ओपीडी समय से संचालित होता है न ही इमरजेंसी. आलम यह है कि जब चिकित्सक पहुंच अस्पताल पहुंच जायें, तभी से शुरू होती है स्वास्थ्य सेवा. मरीज चिकित्सकों के मनमाने रवैये से हलकान एवं परेशान हैं. चिकित्सकों के इस रवैये से पीएचसी में वीरानगी देखने को मिल रही है. […]

पंकज झा,

पूर्णिया:बायसी पीएचसी में न ओपीडी समय से संचालित होता है न ही इमरजेंसी. आलम यह है कि जब चिकित्सक पहुंच अस्पताल पहुंच जायें, तभी से शुरू होती है स्वास्थ्य सेवा. मरीज चिकित्सकों के मनमाने रवैये से हलकान एवं परेशान हैं. चिकित्सकों के इस रवैये से पीएचसी में वीरानगी देखने को मिल रही है. वहीं इन्हीं चिकित्सकों के निजी क्लिनिक मरीजों से गुलजार रहता है. प्रभात खबर टीम ने गुरुवार को बायसी पीएचसी के कार्यकलाप को झांकने का प्रयास किया.

8.12 बजे

ओपीडी कक्ष खुला था. लेकिन वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. अस्पताल के कर्मचारी रजिस्टर लेकर किसी काम में मशगूल थे. तब तक आठ बज कर 19 मिनट हो गये थे. तभी एक डेंटिस्ट ने तेजी से ओपीडी में प्रवेश किया. प्रभात खबर ने जब उसकी तसवीर लेनी चाही, तो महाशय ने बड़ी विनम्रता से अर्ज किया, प्लीज फोटो मत लीजिए. इसी बीच निबंधन का परचा काटनेवाली मैडम भी कुरसी पर तपाक से आ धमकीं.

8.30 बजे

डेंटिस्ट ओपीडी की कमान संभाल चुके थे, लेकिन अन्य दो डॉक्टरों के ओपीडी नहीं पहुंचने से काफी असहज महसूस कर रहे थे. उन्होंने एक मैडम को आदेश दिया कि पास के क्वार्टर से डॉक्टर साहब को बुलाइये. मैडम भागी-भागी गयीं और डॉक्टर साहब को बुला लाया. डॉक्टर महोदय रजिस्टर का बस्ता टांगे ओपीडी में पहुंचे. जब उनकी तसवीर लेने की कोशिश की गयी, तो साहब ने बड़ी सहजता से कह दिया, खड़े-खड़े फोटो लीजियेगा, जरा आराम से बैठ तो जाने दीजिए.

8.41 बजे

इस बीच प्रभात खबर की टीम ने पीएचसी के प्रतीक्षालय की ओर रुख किया. प्रतीक्षालय के फर्श पर ऑपरेशन के कई मरीज चटाई पर सोयी हुई थी. इन मरीजों को न वार्ड मिला था न ही बेड. इस बीच शादीपुर बूतहा के प्रेम कुमार खिचड़ी लेकर आये. उन्होंने बताया कि खिचड़ी चना या मटर के दाल से बनी हुई है. बताया कि उनकी पत्नी का ऑपरेशन बुधवार को ही हुआ है. अब उसे खिचड़ी दी जा रही है. उधर, मेटरनिटी वार्ड में जियागाछी निवासी शमसुन निशा ने बताया कि प्रसव के बाद मैडम ने दो सौ रुपये लिये हैं. बताया सुबह के नाश्ते में दूध, केला व बिस्कुट तो मिला, अंडा नहीं दिया. शादीपुर बूतहा की ही फूलो देवी प्रसव पीड़ा से लगातार बेचैन हो रही थीं. उनके परिजनों ने बताया कि क्लोट इंजेक्शन व एक अन्य इंजेक्शन भी खरीदवा दी गयी. नाश्ते के विषय में उपरोक्त बातें ही दोहरायी, जबकि भोजन नहीं मिलने की बात बतायी गयी. घुसकी टोला की प्रसूता नाजरी बेगम के पति शाह नवाज ने बताया कि रात में साढ़े ग्यारह बजे प्रसव पीड़ा में पत्नी को पीएचसी लाया. जहां परचा काटने के लिए आदमी उपलब्ध नहीं था. काफी जद्दोजहद के बाद प्रसव हुआ.

8.40 बजे

पीएचसी के प्रभारी कक्ष, पैथोलॉजी, एक्सरे सहित तमाम कार्यालयों में ताले लटक रहे थे. जांच के लिए मरीज परेशान हो रहे थे.

इसी बीच तीसरे डॉक्टर की ऑल्टो कार ओपीडी के बाहर रुकी और डॉक्टर महोदय ओपीडी में दाखिल हुए. इस वक्त समय आठ बज कर 59 मिनट हुए थे. यहां बता दें कि बीते सप्ताहों में इस डॉक्टर को पूर्णिया के सीएस ने स्थानांतरित कर रुपौली भेज दिया था, लेकिन ठीक अगले दिन कतिपय कारणों से पुन: बायसी आ गये. 12 बज कर तीन मिनट यानी कि बारह बजे के बाद इमरजेंसी सेवा शुरू होनी थी, लेकिन इस बीच इमरजेंसी ड्यूटी के डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे थे. लिहाजा दिन भर इमरजेंसी सेवा ऑन काल पर निर्भर रही.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें