डॉक्टर मरीज प्रथा का हो गया अंत : रामजी
पूर्णिया: मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद सबसे पहले होमियोपैथ की दशा बदलने के लिए आयुष मंत्रलय का गठन कर 500 करोड़ की राशि मंत्रलय को दी. उक्त बातें सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी के अध्यक्ष डॉ रामजी सिंह ने शहर के सौभाग्य विवाह भवन में आयोजित बिहार प्रदेश होमियोपैथिक कांग्रेस के संबोधन में कही. […]
पूर्णिया: मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद सबसे पहले होमियोपैथ की दशा बदलने के लिए आयुष मंत्रलय का गठन कर 500 करोड़ की राशि मंत्रलय को दी. उक्त बातें सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी के अध्यक्ष डॉ रामजी सिंह ने शहर के सौभाग्य विवाह भवन में आयोजित बिहार प्रदेश होमियोपैथिक कांग्रेस के संबोधन में कही.
उन्होंने कहा कि होमियोपैथी डॉक्टरों में जागरूकता का बेहद अभाव है. वे अपने क्लिनिक में आला एवं बीपी नापने की मशीन भी रख सकते हैं. डॉ श्री सिंह ने कहा कि कंज्यूमर एक्ट लागू होने से डॉक्टर मरीज प्रथा का अंत हो गया. यह अब ग्राहक दुकानदार का संबंध बन गया है. इससे क्लिनिकों में मरीजों को मूल भूत सुविधा उपलब्ध कराना डॉक्टरों की जिम्मेवारी हो गयी है. एलोपैथ पद्धति के डॉक्टरों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में कुछ एक नर्सिग होम ही नर्सिग होम एक्ट के मानकों पर खरे उतर रहे हैं. इससे धड़ल्ले से खुल रहे नर्सिग होम पर आफत आने वाली है. सम्मेलन को संबोधित करते हुए एजुकेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ एम के सहनी ने कहा कि होमियोपैथ महा विज्ञान है. इसके डॉक्टर दवा एवं रोग का संबंध देख कर दवा की सलाह देते हैं. इस पद्धति में शरीर के सूक्ष्म एवं भौतिक मिटिंग प्वाइंट को जान कर दवा की सलाह दी जाती है.
कार्यक्रम को डॉ एस एम सिंह,ऑल इंडिया होमियोपैथ के महा सचिव डॉ आफताब हुसैन,अशोक चटर्जी,डॉ उमेश सिंह,डॉ आर पी साह,डॉ आर एस झा,डॉ रविंद्र प्रसाद,डॉ भरत लाल सिंह,डॉ सरयुग प्रसाद,डॉ सौरव,डॉ विवेकानंद,डॉ संजय सिंह,डॉ एम के सिंह, डॉ सुभाष उपस्थित थे. इस सम्मेलन में नेपाल प. बंगाल, दिल्ली आदि इलाके से होमियोपैथ के सैकडों डॉक्टरों का जमावड़ा लगा था. यह कार्यक्रम सोमवार तक चलेगा. इस सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ ललित कुमार सिंहा ने की.