दरुगधित शहर करेगा स्वागत
पूर्णिया: शहर के कई मुहल्लों में पिछले दस दिनों से जमे पानी में कीड़े जन्म ले चुके हैं और कीचड़ों से आ रही बदबू से बजबजाने लगी है. बदबू से वातावरण प्रदूषित हो रहा है. चौक-चौराहे, गली-मुहल्ले में पसरे कीचड़, फैले कचरे के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. दीगर है कि निगम द्वारा सफाई […]
पूर्णिया: शहर के कई मुहल्लों में पिछले दस दिनों से जमे पानी में कीड़े जन्म ले चुके हैं और कीचड़ों से आ रही बदबू से बजबजाने लगी है. बदबू से वातावरण प्रदूषित हो रहा है. चौक-चौराहे, गली-मुहल्ले में पसरे कीचड़, फैले कचरे के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. दीगर है कि निगम द्वारा सफाई के साथ-साथ कचरा उठाव भी जारी है, लेकिन गति इतनी धीमी है कि सार्थक परिणाम निकलता नहीं दिख रहा है. बरसात के इस मौसम में जहां मच्छरों को लेकर परेशानी बढ़ी है, वहीं डेंगू का भय भी लोगों को सताने लगा है.
चूना और ब्लीचिंग छिड़काव पर नहीं बनी रणनीति : निगम की सारी रणनीति फाइलों में सिमट कर रह जाती है. यही वजह है कि बारिश के इस मौसम में लोग बेहाल हैं. गौरतलब है कि शहर के लगभग सभी वार्डो में कचरा, जल जमाव की स्थिति है. नालों से निकला कीचड़ सड़कों पर पसरा है, लेकिन निगम द्वारा कचरा उठाव के बाद न तो ब्लीचिंग का छिड़काव किया जा रहा है न चूना का ही पता है. अलबत्ता हर तरफ बदबू से वातावरण प्रदूषित हो रहा है और भिनभिनाते मच्छरों से लोग परेशान हैं.
महामारी की है स्थिति
शहर के गुलाबबाग मंडी, खुश्कीबाग हाट, शास्त्रीनगर मुहल्ला, पोलोग्राम, सरदार टोला, राजेंदर नगर, चंदन नगर, महबूब खां टोला सहित शहर के कई हिस्सों में जल जमाव एवं कचरा-कीचड़ से निकलते बदबू के कारण महामारी की प्रबल आशंका बनी हुई है. जल जमाव से सड़ांध तथा मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. वहीं गंदगी के बीच प्रदूषित वातावरण में रहना महामारी को दावत दे रहा है.
निगम में नहीं है फॉगिंग मशीन
महामारी, बीमारियों, मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए निगम की कोई रणनीति नहीं दिख रही है. पखवारा बीत गया मानसून आये, लेकिन निगम के पास न तो फॉगिंग मशीन उपलब्ध है, न कोई मुकम्मल व्यवस्था है. सूरत-ए-हाल यह है कि फॉगिंग मशीन की निविदा करीब छह माह पहले निगम ने निकाली जरूर थी, लेकिन मानसून के आने बाद भी मशीन नहीं पहुंची. ऐसे में यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि मुश्किलें और बढ़ेंगी.