सतनाम वाहे गुरु से गुंजायमान रहा संपूर्ण इलाका
पूर्णिया. सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का पांच सौ पचपनवां प्रकाशोत्सव पर्व पूर्णिया में धूम धाम से मनाया गया. इस मौके पर श्री गुरुनानक सत्संग सभा, मुख्य गुरुद्वारा को फूलों और झालरों से सजाकर भव्य और आकर्षक रूप दिया गया था. गुरुद्वारे में दीवान साहब की भी सजावट देखते बन रही थी. सम्पूर्ण वातावरण सतनाम वाहे गुरु की ध्वनि से गुंजायमान रहा. इस मौके पर पटियाला से पधारे भाई सुरजीत सिंह रागी जत्थे द्वारा शबद, कीर्तन और भजन का कार्यक्रम घंटों चला. जिसके पश्चात अरदास और लंगर का आयोजन किया गया. इस लंगर में सैकड़ों महिला, पुरुष और बच्चों ने पंगत में बैठकर एक साथ भोजन किया. बड़ी संख्या में लोग अपनी सेवा देते नजर आये. इस प्रकाश पर्व की शुरुआत एक दिन पूर्व यानि गुरुवार को प्रभात फेरी निकाल कर की गयी. भजन और शबद पाठ करते हुए इस प्रभात फेरी में बड़ी संख्या में स्त्री, पुरुष और बच्चे शामिल रहे. इसके पश्चात गुरुद्वारे में भजन कीर्तन का कार्यक्रम किया गया और निशान साहब के पोशाक बदले गये तथा देर शाम दीवान सजायी गयी साथ ही लंगर का भी आयोजन किया गया. गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी पूर्णिया के सचिव सरदार दलजीत सिंह विरदी उर्फ़ लवली सिंह ने बताया कि गुरुपर्व के मौके पर प्रातः साढ़े दस बजे से दिन के दो बजे तक शबद, कीर्तन, भजन आदि का आयोजन किया गया उसके बाद अरदास और दिन के एक बजे से लगातार संगत के आने तक अटूट लंगर की व्यवस्था की गयी थी. लोगों ने बारी बारी से पंगत में बैठकर एक साथ प्रसाद ग्रहण किया. कहा गुरुपर्व के इस मौके पर सभी जाति मजहब सहित कोसी और सीमांचल क्षेत्रों से श्रद्धालु यहां आते हैं इस दफा भी बड़ी संख्या अन्य धर्मों के लोगों ने हिस्सा लिया. सभी के लिए पारंपरिक रूप से सर ढकने तथा लंगर की व्यवस्था की गयी. फोटो -15 पूर्णिया 11- गुरुपर्व के मौके पर गुरुद्वारे में भजन कीर्तन करते हुए .12- गुरुद्वारे में सजा दीवान साहब
13, 14, 15- मौके पर जुटे श्रद्धालु16- लंगर का प्रसाद बनाते हुए
17- प्रसाद ग्रहण करते हुएडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है