सफेदपोशों के संरक्षण में संचालित है संगठित चोर गिरोह !

सफेदपोशों के संरक्षण में संचालित है संगठित चोर गिरोह ! – निमुछिये बाइक सवार अपराधी करते हैं घर की रेकी – चोरी की घटना को अंजाम देता है दूसरा गिरोह – गिरोह के संचालन में शामिल हैं सफेदपोश – गुमनाम लोगों के घर रखा जाता है चोरी का माल प्रतिनिधि, पूर्णियायदि आपका घर बंद पड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 6:43 PM

सफेदपोशों के संरक्षण में संचालित है संगठित चोर गिरोह ! – निमुछिये बाइक सवार अपराधी करते हैं घर की रेकी – चोरी की घटना को अंजाम देता है दूसरा गिरोह – गिरोह के संचालन में शामिल हैं सफेदपोश – गुमनाम लोगों के घर रखा जाता है चोरी का माल प्रतिनिधि, पूर्णियायदि आपका घर बंद पड़ा है, तो आप लुटने के लिए तैयार रहिये. अपने पैतृक गांव या किसी समारोह में शामिल होने के लिए पूर्णिया स्थित आवास से बाहर जाना आपकी जिंदगी भर की कमाई के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. तय मानिये कि आपके लुटने के बाद पुलिस आयेगी, जांच-पड़ताल की औपचारिकता पूरा करेगी और फिर आपकी लुटने की कहानी पुलिस की फाइल का हिस्सा बन कर रह जायेगी. दरअसल चोरों के सामने पुलिस खुद को असहाय महसूस करती है. यही वजह है कि अधिकांश चोरी की घटना का उद्भेदन आज तक नहीं हो पाया है. याद कीजिए तथाकथित चोर कृष्णापुरी निवासी सुजीत की रहस्यमय मौत. पुलिस ने इसे आत्महत्या करार देकर मामले की लीपापोती कर दी, लेकिन अगर मामले की सही तहकीकात होती तो बड़ा खुलासा होता और चोरी-द-चोरी की घटनाओं पर संभवत: अंकुश लग जाता. 16 नवंबर की रात शहर के 05 घरों में 20 लाख से अधिक मूल्य की हुई चोरी शहरी पुलिस की नाकामी को बयां कर रहा है. जेवरात और नकदी बनती है निशाना नये दौर में चोरी का तरीका भी अब बदल चुका है. अलीगढ़ के ताले हो या फिर लिंक कंपनी के ताले, आधुनिक औजारों से लैस चोर पलक झपकते ही बड़े से बड़े ताले को तोड़ डालता है. सूने पड़े घर में किसी प्रकार की प्रतिरोध की भी संभावना नहीं रहती है. खास बात यह है कि वह वक्त गया जब चोर पुराने कपड़े भी अपने साथ उठा ले जाता था. नये जमाने के चोरों का पसंदीदा सामान गहना और जेवरात हो गया है. इसके लिए चोर घर के सभी सामानों को उस समय तक खंगालते हैं, जब तक जेवर व नकदी उनके हाथ नहीं लग जाती है. प्राय: ऐसा देखा गया है कि कपड़े व अन्य हल्के सामानों की चोरी में चोर रुचि नहीं लेते हैं. इसकी वजह यह है कि नकदी और जेवरात ले जाना चोरों के लिए आसान होता है और जाते समय किसी को शक भी नहीं होता है. इतना ही नहीं इन सामानों को बाजार में खपाना भी आसान होता है. किशोर अपराधी करते हैं घर की रेकी पिछले तीन वर्षों में बंद घरों में चोरी की सर्वाधिक घटनाएं हुई हैं. लगभग सभी पीड़ित परिवार सहित किसी वजह घर से बाहर थे और इसी दौरान चोरों ने घटना को अंजाम दे दिया. सवाल यह लाजिमी है कि आखिर चोरों को कैसे पता चल जाता है कि घर में कोई मौजूद नहीं है. हालिया घटनाओं से इतना स्पष्ट हो गया है कि चोरों का एक संगठित गिरोह है और इस गिरोह में कई ऐसे सदस्य हैं, जो मुहल्लों में घूम-घूम कर बंद घरों की रेकी करते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई बाइक सवार निमुछिये किशोर अपराधी दिन के समय बंद पड़े घरों की रेकी करते हैं. उसके बाद इसकी सूचना आका को दी जाती है. फिर सफेदपोश आका चोरी के लिए दूसरी टीम को भेज देता है. वहीं कई मामले में कबाड़ी वाले और कचरा चुनने वाले भी चोरी की घटना के सूत्रधार साबित होते हैं. आज भी रहस्य है सुजीत की मौत 16 जुलाई 2015 को मधुबनी दुर्गास्थान के निकट कृष्णापुरी में चोरी के मामले में आरोपी सुजीत की फंदे से लटक कर मौत हुई थी. उसकी मौत अब तक रहस्य बना हुआ है. पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या बता कर पल्ला झाड़ लिया, पर मृतक के परिजन अंत तक कहते रहे कि सुजीत की हत्या हुई है. सुजीत के घर पुलिस की छापेमारी हुई थी और जेवर सहित चोरी करने के औजार भी बरामद हुए थे. सुजीत के पकड़ में आने से शहर में हुई चोरी के कई घटनाओं का परदाफाश हो सकता था, लेकिन सफेदपोश और गिरोह के अन्य सदस्यों ने खतरे को भांपते हुए संभवत: उसकी हत्या कर उसे आत्महत्या का शक्ल दे दिया. सुजीत के परिजनों ने बताया था कि किसी के कॉल आने के बाद सुजीत मधुबनी दुर्गास्थान गया था. पुलिस ने सुजीत के मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल्स भी खंगालने में रुचि नहीं दिखायी. लोगों का मानना है कि सफेदपोशों के दबाव में पूरे मामले की समुचित पड़ताल नहीं हो पायी. सुजीत की मौत के बाद उसके फंदे लगाने की जगह से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक कुछ संदिग्ध व्यक्ति जिस तरह सक्रिय दिखे, उससे स्पष्ट लगता था कि सुजीत की मौत की लीपापोती की उच्चस्तरीय तैयारी है. इस प्रकार सुजीत की मौत के साथ ही संगठित गिरोह और सफेदपोश बेनकाब होने से बच गये. चोरी की कुछ हालिया घटनाएं 17 नवंबर- कोर्ट स्टेशन से व विद्यानगर में सोना-चांदी व नकदी की चोरी 18 नवंबर- रिमांड होम रोड स्थित एक घर में चोरी14 नवंबर- शक्तिनगर में 20 हजार से अधिक की चोरी13 नवंबर- चिमनी बाजार में 05 लाख से अधिक की चोरी11 सितंबर- मेहता टोला में सेंधमारी कर डेढ़ लाख की चोरी09 सितंबर- नेवालाल चौक स्थित दो दुकानों में चोरी21 अगस्त- पोस्टमार्टम रोड स्थित एक दवाई दुकान में चोरी14 अगस्त- न्यू बसंत विहार में एक ही रात छह घरों में चोरी08 अगस्त- जयप्रकाश कॉलोनी में चोरी27 जुलाई- सदर थाना क्षेत्र के गौंडा चौक के निकट एक घर में चोरी23 जुलाई- विकास नगर में एचपी गैस एजेंसी कर्मी के घर चोरी18 जुलाई- दमका चौक स्थित दुकान में चोरी15 जुलाई- मधुबनी कालीस्थान के निकट सरकारी कर्मी के घर चोरी12 जुलाई- न्यू सिपाही टोला स्थित सरकारी कर्मी के घर चोरी04 जुलाई- सुखनगर में एक रिटायर दारोगा के घर 18 लाख की चोरी टिप्पणीचोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है. शीघ्र ही गिरोह का उद्भेदन किया जायेगा. निशांत कुमार तिवारी, एसपी, पूर्णिया फोटो:- 18 पूर्णिया 11 एवं 12परिचय:- 11-चोर कुछ इस तरह करता है हाथ साफ 12- एसपी निशांत कुमार तिवारी

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