जीरो टिलेज तकनीक पर खेती करने से हैं कई फायदे
जीरो टिलेज तकनीक पर खेती करने से हैं कई फायदे प्रतिनिधि, पूर्णियाजिले में कुल 48,000 हेक्टेयर में गेहूं आच्छादन का लक्ष्य है. जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक गेहूं लगाने का उत्तम समय है. इसके लिए गेहूं बीज के प्रभेदों की जानकारी आवश्यक है. उन्होंने कहा […]
जीरो टिलेज तकनीक पर खेती करने से हैं कई फायदे प्रतिनिधि, पूर्णियाजिले में कुल 48,000 हेक्टेयर में गेहूं आच्छादन का लक्ष्य है. जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक गेहूं लगाने का उत्तम समय है. इसके लिए गेहूं बीज के प्रभेदों की जानकारी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि समय से गेहूं लगाने वाले प्रभेद 120 से 125 दिन में तैयार हो जाते हैं जबकि लेट वेराइटी 105 से 110 दिन में तैयार होते हैं. उन्होंने कहा कि के 360, पी डब्ल्यू 154, पीबी डब्ल्यू 343, 502 एचडी 1731, एचडी 2733, एचडी 2834 एवं 2967 आदि समय से लगाने वाले प्रभेद हैं जबकि पीबीडब्ल्यू 373, डीबीडी-14, एच यू डब्ल्यू 334, एच पी 17, एच पी 1633, एच डी 2985 लेट वेराइटी किस्म है. उन्होंने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रखंड स्तर पर कर्मशाला सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. जीरो टिलेज तकनीक के फायदे जिला कृषि पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि जीरो टिलेज तकनीक से गेहूं खेती करने के कई फायदे हैं जिसमें जुताई के समय की बचत, गेहूं के वानस्पतिक वृद्धि के लिए अधिक समय, समय पर बुआई होने से टर्मिनल हीट से बचाव, मौसम परिवर्तन के दृष्टिगत उपयुक्त तकनीक, पंक्ति में बुआई, खेत में उपलब्ध नमी का समुचित उपयोग, बुआई के साथ मिश्रित उर्वरक का व्यवहार, बीज तथा उर्वरक का समुचित गहराई में प्रतिस्थापन एवं लागत में कमी आदि शामिल है. जीरो टिलेज से पंक्ति में गेहूं की बुआई से अन्य लाभ भी है. इस तकनीक से कीटनाशीय रसायन का समुचित उपयोग होता है तथा खरपतवार नाशी का समुचित उपयोग होने से उत्पादकता में वृद्धि होती है. गेहूं के बीज पर अनुदान की व्यवस्था गेहूं के आच्छादन के प्रतिशत में वृद्धि के लिए गेहूं बीज पर अनुदान देय है. गेहूं बीज पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम का अनुदान है. इसके अलावा जीरो टिलेज, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील एवं मल्टी क्रॉप प्लांटर पर सामान्य जाति के किसानों को कीमत का 50 प्रतिशत तथा अधिकतम 30 हजार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसानों को कीमत का 50 प्रतिशत अधिकतम 40 हजार अनुदान का प्रावधान है.