हेडिंग : भारत में न्यायाधीशों की जवाबदेही अहम : मुख्य न्यायाधीश

हेडिंग : भारत में न्यायाधीशों की जवाबदेही अहम : मुख्य न्यायाधीश – कानून के प्रतिकूल व्यवहार ही जंगल राज की पहचानफोटो: 29 पूर्णिया 25-संबोधित करते प्रभारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी. 26-दीप प्रज्वलित करते मुख्य न्यायाधीश व अन्य.प्रतिनिधि, पूर्णिया कोर्टभारत में न्यायाधीशों की अहम जवाबदेही है. यह बातें पटना उच्च न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायमूर्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2015 7:26 PM

हेडिंग : भारत में न्यायाधीशों की जवाबदेही अहम : मुख्य न्यायाधीश – कानून के प्रतिकूल व्यवहार ही जंगल राज की पहचानफोटो: 29 पूर्णिया 25-संबोधित करते प्रभारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी. 26-दीप प्रज्वलित करते मुख्य न्यायाधीश व अन्य.प्रतिनिधि, पूर्णिया कोर्टभारत में न्यायाधीशों की अहम जवाबदेही है. यह बातें पटना उच्च न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने कही. मुख्य न्यायमूर्ति रविवार को कला भवन पूर्णिया में पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित क्षेत्रीय शताब्दी समारोह को दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लॉ इज डिसाइडेड बाय जज. उन्होंने कहा कि मानवता के प्रारंभ होने के साथ ही कानून प्रारंभ हुआ. उन्होंने कहा कि हाउ ए पर्सन विहेव एंड कंडक्ट दिस इज लॉ. एकोरेसी ऑफ बार इज इम्पेरेटिव फॉर अस. उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक निर्णय सामाजिक कानून के तहत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधि समाज के द्वारा स्थापित एक व्यवस्था है, जिसे देश ने संविधान का रूप दिया है. उन्होंने कहा कंस्टीच्यूशन कमांड जस्टिस. उन्होंने प्रत्यार्पण के अंतरराष्ट्रीय कानून व दुष्कर्म के कानूनों पर वृहद रूप से उदाहरण सहित प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं को संवैधानिक प्रक्रिया के प्रशिक्षण का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी राजनैतिक पार्टी का हो, कानून वही रहता है या संसद के द्वारा जो कानून बनाया जाता है. कानून के प्रतिकूल व्यवहार ही जंगल राज की पहचान है. उन्होंने कहा कि नेशनल कोर्ट मैनेजमेंट स्कीम आवश्यक है, ताकि मामले के निष्पादन का समय निर्धारित हो सके. कामनवेल्थ के देशों में जजों की महत्वपूर्ण भूमिका है. कानूनों की औपचारिक जानकारी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी के लिए जरूरी है. हाइकोर्ट के शताब्दी वर्ष के मौके पर क्षेत्रीय स्तर पर राजगीर, पूसा, सीवान, पूर्णिया व भागलपुर में 50 वर्ष या उससे अधिक समय तक वकालत करनेवाले पूर्णिया एवं कोसी प्रमंडल के जिलों के बुजुर्ग अधिवक्ताओं को शाल व प्रशस्ति पत्र देकर कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी एवं न्याय मूर्ति नवनीती प्रसाद सिंह ने सम्मानित किया गया.

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