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लगे 32000चापाकल, फिर भी मन प्यासा

लगे 32000चापाकल, फिर भी मन प्यासा 31हजार 799 में से अधिकांश चापाकल खराबलोग आयरण युक्त पानी पीने को बाध्यनयोजना में लूट-खसोट जारीप्रतिनिधि, पूर्णियाजिले में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संपूर्ण जिले में करोड़ों की लागत से 31799 चापा कल लगाया गया है.लोगों को स्वच्छ पेय जल भी उपलब्ध हो रहा था.किंतु विभागीय लापरवाही […]

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लगे 32000चापाकल, फिर भी मन प्यासा 31हजार 799 में से अधिकांश चापाकल खराबलोग आयरण युक्त पानी पीने को बाध्यनयोजना में लूट-खसोट जारीप्रतिनिधि, पूर्णियाजिले में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संपूर्ण जिले में करोड़ों की लागत से 31799 चापा कल लगाया गया है.लोगों को स्वच्छ पेय जल भी उपलब्ध हो रहा था.किंतु विभागीय लापरवाही या फिर सरकारी उदासीनता के कारण अधिकांश चापा कल खराब पड़े हैं. इन चापाकलों के ठीक नहीं होने के कारण लोग आयरन युक्त पानी पीने को बाध्य है.वहीं दूसरी ओर प्रखंडों में चापाकल लगाने में धांधली की भी खबरें प्रकाश में आ रहा है.कहां कहां कितने चापाकलपूर्णिया —–2681डगरुआ—–2495धमदाहा—–2583भवानी पुर—2045रुपौली—–2666बी कोठी—-2599जलालगढ़—1366कसबा ——1759के नगर—–2045श्रीनगर—–1157बायसी——1151अमौर——-2831 रौटा——–2157बनमनखी—-3464—————–कुल——-31791—————–अधिकांश चापाकल खराबजिले में स्वच्छ पेय जल आपूति के उद्देश्य से लगाये गये अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं.इन खराब पड़े चापाकलों को मरम्मत कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. इस लापरवाही के कारण लोग पून:दुषित पानी को ही अपना साथी बनाने को बाध्य हो गया है.जिले के प्राय:सभी प्रखंडों का लगभग यही हाल है.बायसी में नहीं दिख रहा है चापाकलचापाकल योजना में लूट खसोट की बातें भी उभर कर सामने आ रही है.बायसी अनुमंडल के बायसी,अमौर,बैसा,डगरुआ में इस योजना में जम कर धांधली की बातें सामने आयी है.बताया जाता है कि इस योजना चापाकल में मुखिया,वार्ड सदस्यों की काफी बारह हुई है.लिहाजा योजना के तहत लगे चापाकल के इन प्रखंडों में दर्शन नहीं हो पा रहे हैं.यहां है सर्वाधिकआयरनइस इलाके के पानी में सर्वाधिक आयरन होता है.लिहाजा यहां के लोगों के कपड़े, बरतन, दांत आदि काला-पीला हो जाता है. इस इलाके में अधिकांश लोग जल जनित के शिकार होते हैं.प्रखंड प्रशासन की उदासीनता के कारण लोगों को सरकार की महत्वकांक्षी योजना मार्ग से भटकती नजर आ रही है.जारी है प्रशिक्षण कार्यक्रमसमुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता तकनीक पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का बुधवार को दूसरा दिन है. इसमें निर्माण व खुले में शौच से मुक्ति की कवायद की जा रही है.आश्चर्य इस बात की है कि बिना स्वच्छ पानी के स्वच्छता अभियान का कल्पना किया जा सकता है.लोग कल भी आयरण युक्त पानी का सेवन करते थे और भी आयरण युक्त पानी पीने को बाध्य है.कहते हैं अधिकारीविभाग स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए चापाकल सहित कई महत्वाकांक्षी योजना चला रही है. चापाकलों के माध्यम से लोगों को शुद्ध पेयजल दिया जा रहा है. जहां जहां चापाकल खराब है. वहां शीघ्र मरम्मत करा लिया जायेगा.परमानंद प्रसाद,कार्यपालक अभियंता,पीएचइडी,पूर्णियाफोटो: 2 पूर्णिया 4परिचय: चापाकल की प्रतीकात्मक की तसवीर.

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