भट्ठा बाजार में समस्याओं का अंबार
भट्ठा बाजार में समस्याओं का अंबार बाजार में चारों ओर कचरे का अंबार है और दुर्गंध के कारण लोगों का राह चलना दूभर हो गया है. गौरतलब है कि पूर्व में बाजार में कई स्थानों पर प्रशासन द्वारा कुड़ादान लगाये गये थे लेकिन कूड़ादान आज खुद कूड़ा बन गया हैप्रतिनिधि, पूर्णिया भट्ठा बाजार यानी जिला […]
भट्ठा बाजार में समस्याओं का अंबार बाजार में चारों ओर कचरे का अंबार है और दुर्गंध के कारण लोगों का राह चलना दूभर हो गया है. गौरतलब है कि पूर्व में बाजार में कई स्थानों पर प्रशासन द्वारा कुड़ादान लगाये गये थे लेकिन कूड़ादान आज खुद कूड़ा बन गया हैप्रतिनिधि, पूर्णिया भट्ठा बाजार यानी जिला मुख्यालय का सबसे वीआइपी बाजार है, लेकिन बाजार जितना वीआइपी है, समस्याओं की फेहरीश्त भी उतनी ही लंबी है. जाम यहां की सबसे बड़ी समस्या है और इसे दूर करने में प्रशासन अब तक पूरी तरह विफल साबित हुआ है. जाहिर है, जाम के कारण यहां का व्यापार भी प्रभावित होता है. इसके अलावा सुलभ शौचालय, यूरिनल व चारों ओर कचरे का अंबार है. वही चैंबर ऑफ जो व्यवसायियों के हितों का ख्याल रखने के उद्देश्य से गठित है, वह भी समस्याओं के प्रति उदासीन ही रही है.सड़क पर सजती हैं दुकानें भट्ठा बाजार में सड़कों की चौड़ाई अपेक्षाकृत काफी कम है.ऊपर से बीच सड़क पर ही फुट कर विक्रेताओं द्वारा दुकानें सजायी जाती हैं. इसके अलावा स्थायी दुकानदारों का भी फुटपाथ पर अतिक्रमण है.जिससे लोग सड़क पर चलने को मजबूर होते हैं और जाम की समस्या रहती है.हालांकि जाम के कारण व्यवसायियों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है, बावजूद अतिक्रमण का दायरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है.वही प्रशासन का अतिक्रमण मुक्ति अभियान भी इस जगह विफल साबित हुई है.यहां अक्सर लगता है जामबाजार जितना वीआइपी है, आने वाले लोगों की संख्या भी उतनी ही अधिक. जाहिर है वीआइपी हैं तो वाहन लेकर भी आयेंगे. लेकिन यहां पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है और जो थोड़ी बहुत जगह है भी वो वाहनों का लोड उठा पाने में सक्षम नहीं है.ऐसे में लोग अपने वाहनों को बीच सड़क पर ही खड़ी कर खरीदारी के लिए निकल जाते हैं. इसके अलावा बाजार में बेतरतीब वाहन चालन भी आम बात है.जिसके कारण जाम की समस्या अक्सर बनी रहती है.प्रशासन भी इस ओर उदासीन ही रहा है.चारों तरफ है कचरों का अंबारबाजार में चारों ओर कचरे का अंबार है और दुर्गंध के कारण लोगों का राह चलना भी दूभर हो जाता है.गौरतलब है कि पूर्व में बाजार में कई स्थानों पर प्रशासन द्वारा कुड़ादान लगाये गये थे लेकिन कुड़ादान आज खुद कूड़ा बन कर बाजार में उल्टा पड़ा है और इसे देखने वाला तक कोई नहीं है.वही प्रशासन द्वारा भी इसकी नियमित सफाई नहीं की जाती है.इसकी एक वजह यह भी है कि सुबह सूर्योदय से पूर्व बाजार का कारोबार आरंभ हो जाता है, जो देर रात तक चलता है और इस दौरान बाजार में काफी भीड़-भाड़ रहती है.शौचालय नहीं रहने से परेशानीभट्ठा बाजार की मूलभूत समस्याओं में सुलभ शौचालय की समस्या भी शामिल है.दरअसल पूरे बाजार में कहीं भी शौचालय अथवा यूरिनल की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में बाजार में खरीदारी करने आये ग्राहकों की परेशानी बढ़ जाती है.वही दुकानदार भी इस समस्या से हर रोज दो-चार होते हैं, लेकिन समस्या का निदान तो दूर इस पर बात करने तक को कोई राजी नहीं होता है.हालांकि व्यवसायी यह मानते हैं कि यहां शौचालय तथा यूरिनल की व्यवस्था होनी चाहिए.आम लोग भी हैं आदत से लाचारभट्ठा बाजार में यूरिनल को छोड़ व्याप्त अन्य समस्याओं के लिए आम लोग भी कम जिम्मेवार नहीं है. दरअसल आम लोग भी अपने आदत से मजबूर हैं और नियमों की अनदेखी करते हैं.यहां पूर्व में वाहनों के पार्किंग पर रोक लगा दी गयी थी, लेकिन लोगों ने इसका उल्लंघन शुरू किया. स्थित यह है कि हर रोज जाम लगता है और जिम्मेवारी केवल प्रशासन पर मढ़ दी जाती है.वही साफ-सफाई को लेकर लोग सजग नहीं हैं.फोटो : 02 पूर्णिया 1, 2, 3परिचय :1 – कूड़ादान खुद साबित हो रहा है कचरा2 – वाहनों की अवैध पार्किंग3 – भट्ठा बाजार में लगा जाम