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शहर में चल रहा पारा मेडिकल कॉलेज का फर्जीवाड़ा !

शहर में चल रहा पारा मेडिकल कॉलेज का फर्जीवाड़ा ! प्रतिनिधि, पूर्णियास्वास्थ्य नगरी में फर्जीवाड़ा में लगातार वृद्धि हो रही है. अब तक फर्जीवाड़े की फेहरिस्त में पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, फर्जी डॉक्टर आदि शामिल थे. अब इस कड़ी में पारा मेडिकल कॉलेज भी शामिल हो गया है जो बेरोजगारों को बहला-फुसला कर आर्थिक दोहन का […]

शहर में चल रहा पारा मेडिकल कॉलेज का फर्जीवाड़ा ! प्रतिनिधि, पूर्णियास्वास्थ्य नगरी में फर्जीवाड़ा में लगातार वृद्धि हो रही है. अब तक फर्जीवाड़े की फेहरिस्त में पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, फर्जी डॉक्टर आदि शामिल थे. अब इस कड़ी में पारा मेडिकल कॉलेज भी शामिल हो गया है जो बेरोजगारों को बहला-फुसला कर आर्थिक दोहन का शिकार तो बनाता ही है, साथ ही उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर रहा है. फर्जीवाड़े के इस खेल में कई सफेदपोश भी शामिल हैं. इनके संरक्षण में राज्य व्यापी नेटवर्क चलाया जा रहा है. ऐसे ही एक पारा मेडिकल संस्थान का मामला जिला मुख्यालय में सामने आया है. गुरुकुल पारा मेडिकल का सच जिला मुख्यालय में लाइन बाजार स्थित सिंह कॉम्प्लेक्स में गुरुकुल पारा मेडिकल कॉलेज चलाया जा रहा है. संस्थान द्वारा खुद को बिहार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बताया जाता है. संस्थान के अनुसार पारा मेडिकल कॉलेज को बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से संबद्धता प्राप्त है. लेकिन सूचना के अधिकार के तहत दिये गये एक जवाब में बीआर अंबेदकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर दूरस्थ शिक्षा के सूचना अधिकारी ललन कुमार ने स्पष्ट किया है कि उक्त नाम एवं पते वाली संस्थान को दूरस्थ शिक्षा से किसी तरह की मान्यता नहीं दी गयी है. कई जिलों में फैला है नेटवर्कपारा मेडिकल कॉलेज के फर्जीवाड़े का नेटवर्क उत्तर बिहार के कई जिलों में पसरा हुआ है. कई ऐसे पारा मेडिकल कॉलेज हैं, जो बिना किसी विश्वविद्यालय या दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से मान्यता प्राप्त किये ही धड़ल्ले से संचालित हैं. इन संस्थानों ने कटिहार, किशनगंज, सुपौल, सहरसा, समस्तीपुर, मधेपुरा, खगडि़या, अररिया में अपना जाल फैला रखा है. ऐसे धंधेबाज भारी भरकम कार्यालय खोल कर भोले-भाले बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फांसते हैं और जम कर उनका आर्थिक शोषण करते हैं. शोषण के बाद उक्त बेरोजगार न घर के होते हैं न घाट के. इन इलाकों में नेटवर्क फैलाने के पीछे कारण यह है कि इस इलाके में सरकारी मान्यता प्राप्त ऐसे तकनीकी संस्थानों की कमी है. विभाग के लिए बना है कामधेनु शहर के बीचोबीच काफी दिनों से अवैध रूप से चल पारा मेडिकल कॉलेज को स्वास्थ्य विभाग का भी संरक्षण प्राप्त है. बातचीत के क्रम में पारा मेडिकल के एक कर्मी ने बताया कि कॉलेज चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के वरीय प्रशासनिक अधिकारियों को दस्तावेज सौंपा गया है. इसके बाद ही कॉलेज को चलाया जा रहा है. नाम नहीं छापने के शर्त पर एक कॉलेज कर्मी ने बताया कि छात्र की शिकायत पर जांच हेतु एक स्वास्थ्य विभाग की टीम आयी थी. किंतु वह भी जांच कर चली गयी. कर्मी ने बताया कि सब कुछ दुरूस्त है, तब संस्था का संचालन हो रहा है. समस्तीपुर से संचालित होता है धंधा गुरुकुल पारा मेडिकल कॉलेज अपने संस्थान में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी से लेकर प्री प्राइमरी नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग सहित कुल 24 कोर्स फर्जी रूप से चला रहा है. एक कोर्स में 30 से 50 हजार रुपये की वसूली प्रति छात्र किया जाता है. एक छात्र अभय कुमार ने बताया कि बीएमएलटी कोर्स का शुल्क 50 हजार रूपया लिया जाता है. गुरुकुल पारा मेडिकल कॉलेज के स्थानीय प्राचार्य सुमित कुमार ने बताया कि इसके निदेशक समस्तीपुर में रहते हैं वहां भी एक संस्थान चला रहे हैं. यहां भी उन्हीं के निर्देश पर पारा मेडिकल कॉलेज संचालित किया जा रहा है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कॉलेज नहीं बल्कि काउंसेलिंग सेंटर है. किंतु परिसर की स्थिति देखने के बाद किसी भी स्थिति में विशाल कॉलेज कैंपस से कमतर नहीं दिखता है. टिप्पणी इस कॉलेज के संबंध में कोई जानकारी हमारे संज्ञान में नहीं है. पता करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह, सदर एसडीओ, पूर्णिया फोटो:- 03 पूर्णिया 14परिचय:- गुरुकुल पारा मेडिकल कॉलेज

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