कच्ची सड़कों के सहारे है आवागमन

कच्ची सड़कों के सहारे है आवागमन प्रतिनिधि, बैसा चमचमाते राजमार्ग और शहर में दौड़ती गाड़ियों को देख कर विकास का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है. विकास का असली रूप देखना है तो किसी गांव में जाना होगा. ऐसा ही एक गांव प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नंदनया पंचायत स्थित महसेल गांव है, जहां न पक्की सड़क हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2015 8:34 PM

कच्ची सड़कों के सहारे है आवागमन प्रतिनिधि, बैसा चमचमाते राजमार्ग और शहर में दौड़ती गाड़ियों को देख कर विकास का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है. विकास का असली रूप देखना है तो किसी गांव में जाना होगा. ऐसा ही एक गांव प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नंदनया पंचायत स्थित महसेल गांव है, जहां न पक्की सड़क हैं और न शुद्ध पेयजल की व्यवस्था. गांव में परिचालन के लिए सिर्फ कच्ची व जर्जर सड़क है. यू तो बरसात के दिनों में गांव के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल होता है.लेकिन आम दिनों में भी परेशानी कुछ कम नहीं होती है.इसके अलावा इस इलाके के लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. गौरतलब है कि गांव में चापाकल के पानी में आयरन की मात्रा काफी अधिक रहती है. लेकिन यही आयरन युक्त पानी लोगों का सहारा बना हुआ है. प्राथमिक विद्यालय महसेल के शिक्षक कहते हैं कि बरसात के मौसम में विद्यालय आने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.वही स्थानीय इस्लाम, गुलाब रबबानी, मनोज कुमार, ओम पंडित, गुलजारी राय आदि कहते हैं कि कच्ची सड़क होने के कारण खेतों से अनाज घर तक ले जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा अन्य कई प्रकार की परेशानी होती है. ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र सड़क के पक्कीकरण की मांग की है.फोटो: 4 पूर्णिया 1परिचय: कच्ची सड़क.

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