बेकार पड़े हुए हैं सरकारी चापाकल
बेकार पड़े हुए हैं सरकारी चापाकल कसबा. प्रखंड क्षेत्र में गाड़े गये सरकारी चापाकल पानी विहीन हैं. पीएचइडी विभाग द्वारा हाथी चापाकल वैसे स्थानों को चिह्नित कर गाड़े जाते हैं जहां से सिर्फ गांव के ही नहीं, उस रास्ते से आने-जाने वाले राहगीरों को भी पेयजल की व्यवस्था सुलभ हो सके, लेकिन विभिन्न जगहों पर […]
बेकार पड़े हुए हैं सरकारी चापाकल कसबा. प्रखंड क्षेत्र में गाड़े गये सरकारी चापाकल पानी विहीन हैं. पीएचइडी विभाग द्वारा हाथी चापाकल वैसे स्थानों को चिह्नित कर गाड़े जाते हैं जहां से सिर्फ गांव के ही नहीं, उस रास्ते से आने-जाने वाले राहगीरों को भी पेयजल की व्यवस्था सुलभ हो सके, लेकिन विभिन्न जगहों पर विधायक की अनुशंसा पर गाड़े गये हाथी चापाकल आधे से अधिक बेकार पड़े हुए हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि हाथी चापाकल के कल-पुरजे भी बाजार में उपलब्ध नहीं है. इसलिए इसे ग्रामीण स्थानीय मिस्त्री से बनवाने में अक्षम हैं. ग्रामीणों की मानें तो संवेदकों द्वारा प्राक्कलन के अनुरूप इन हाथी चापाकलों को नहीं गाड़ा गया है. साथ ही विभाग द्वारा समय-समय पर इसकी मरम्मत भी नहीं करायी जाती है. नतीजा इस प्रकार के चापाकल धीरे-धीरे बेकार हो जाते हैं. ग्रामीणों की माने तो संवेदक हाथी चापाकल गाड़ने के दौरान आवश्यकता के अनुरूप गहराई तक नहीं जाते हैं. जिससे गरमी के दिन आते ही पानी उगलना बंद कर देता है. ग्रामीणों ने बताया कि चापाकल खराब होने की सूचना विभाग को दी जाती है, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होती है.