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फसल बुआई से पूर्व भूमि की नमी पर ध्यान देना आवश्यक

फसल बुआई से पूर्व भूमि की नमी पर ध्यान देना आवश्यक प्रतिनिधि, पूर्णिया रबी फसलों की बुआई से पूर्व भूमि में उपलब्ध नमी पर ध्यान देना आवश्यक है. जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि भूमि में नमी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में सिंचाई के बाद भूमि को […]

फसल बुआई से पूर्व भूमि की नमी पर ध्यान देना आवश्यक प्रतिनिधि, पूर्णिया रबी फसलों की बुआई से पूर्व भूमि में उपलब्ध नमी पर ध्यान देना आवश्यक है. जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि भूमि में नमी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में सिंचाई के बाद भूमि को तैयार कर बुआई करने से फसलों के अंकुरण प्रभावित नहीं होगा और मानक के अनुसार पौधे उगेंगे. उन्होंने कहा कि पर्याप्त नमी के अभाव में फसल की बुआई करने से जिले के कई क्षेत्रों से पर्याप्त अंकुरण नहीं होने की शिकायत मिली है. वर्तमान वर्ष में औसत से कम वर्षा होने से जिले के ऊंचे इलाकों के खेतों में पर्याप्त नमी नहीं होने की बात सामने आयी है. आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया है कि जिले में रबी की विभिन्न फसलों के आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित है. इसके तहत गेहूं का 48,000 एवं रबी मक्के का 23, 000 हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य है. इसमें मक्के का आच्छादन बढ़ने एवं गेहूं के आच्छादन में कमी आने की संभावना है. जिसका मुख्य कारण मक्के की उत्पादकता अधिक होने व ज्यादा लाभकारी मूल्य प्राप्त को मुख्य कारण माना गया है. उन्होंने कहा है कि इसके अलावे जौ के 100, गरमा एवं बोरो धान के 22,000, चना का 500, मसूर का 4000, मटर का 500 एवं अन्य दलहनों का 2000 हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य है तथा तेलहनी फसलों के तहत राई-सरसों 5000, तीसी 700 एवं सूर्यमुखी 300 हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य है. कर्मशाला सह प्रशिक्षण जिला कृषि पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया है कि आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीकों से रबी खेती के लिए किसानों को कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. इसके लिए नवंबर के दूसरे पखवारे में बारी-बारी से जिला के सभी 14 प्रखंडों में रबी महोत्सव का आयोजन कर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी दी गयी. मिट्टी जांच जिला के विभिन्न क्षेत्रों की मिट्टी जांच कर 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के आवसर पर किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया ताकि खेतों में आवश्यकतानुसार पोषक तत्वों के तहत खाद डाल कर अधिक पैदावार लिया जा सके. उन्होंने कहा कि अच्छी पैदावार के लिए भूमि में नाइट्रोजन, फासफोरस, पोटाश, कार्बन, हाइड्रोजन, कैल्शियम, सल्फर, जिंक, कॉपर, आयरन, मैगजीन एवं बोरोने का होना जरूरी है. अनुदान पर बीज वितरण जिला कृषि पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम एवं बीज ग्राम योजना के तहत जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों में किसानों के बीच अनुदान पर बीज का वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम के तहत 512.4 क्विंटल गेहूं एवं 29.92 क्विंटल मसूर तथा बीज ग्राम योजना के तहत 160 क्विंटल मटर, 10.08 क्विंटल मसूर एवं 07 क्विंटल राई-सरसों का बीज वितरण का लक्ष्य है. इसके अलावे मक्के के बीज का भी वितरण किया जा रहा है. बीज वितरण के बाद अनुदान की राशि सीधे किसानों के बैंक खाता में दी जायेगी.

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