विकास की रोशनी से दूर हैं कोला गांव

विकास की रोशनी से दूर हैं कोला गांव बैसा. कनफलिया पंचायत का कोला गांव आजादी के छह दशक बाद भी जनसुविधाओं से दूर है. यहां न पक्की सड़क हैं और न ही किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है. लोगों को कच्ची सड़क एवं पगडंडी के सहारे आवागमन करना पड़ता हैं.बारिश के दिनों में तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 8:36 PM

विकास की रोशनी से दूर हैं कोला गांव बैसा. कनफलिया पंचायत का कोला गांव आजादी के छह दशक बाद भी जनसुविधाओं से दूर है. यहां न पक्की सड़क हैं और न ही किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है. लोगों को कच्ची सड़क एवं पगडंडी के सहारे आवागमन करना पड़ता हैं.बारिश के दिनों में तो लोग घर से निकलना भी मुनासिब नहीं समझते हैं. क्योंकि कीचड़ और पानी के बीच कच्ची सड़क का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है. यही वजह है कि बारिश के महीने में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है. स्थानीय निवासी अल्लाम हुसैन दिलबर बताते हैं कि ऐसा लगता नहीं कि हम भी आजाद देश के वासी हैं. वहीं मो मुश्ताक आलम बताते हैं कि शुद्ध पेयजल इस गाँव वालों के लिए सपना हो गया है. यहाँ लोग आयरन युक्त पानी पीने को विवश हैं. जिसके कारण जलजनित रोग यहां आम बात है. गाँव में विद्यालय तो है, परंतु विद्यालय का अपना भवन नहीं है. कुल मिला कर यहां की जिंदगी विकास से दूर बदहाल है. फोटो:- 11 पूर्णिया 25परिचय:- गांव तक जाने वाली पगडंडी

Next Article

Exit mobile version