बढ़ी ठंड तो बढ़ी गरम कपड़ों की डिमांड

बढ़ी ठंड तो बढ़ी गरम कपड़ों की डिमांड बैसा. ज्यों-ज्यों ठंड का असर बढ़ता जा रहा है त्यों-त्यों गरम कपड़ों का बाजार भी गरम होता जा रहा है. ठंड बढ़ने के बाद स्वाभाविक रूप से लोग ऊनी कपड़े की जरूरत पूरी करने में लग गये हैं. इस वजह से गरम व ऊनी कपड़ों की खरीददारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2015 6:41 PM

बढ़ी ठंड तो बढ़ी गरम कपड़ों की डिमांड बैसा. ज्यों-ज्यों ठंड का असर बढ़ता जा रहा है त्यों-त्यों गरम कपड़ों का बाजार भी गरम होता जा रहा है. ठंड बढ़ने के बाद स्वाभाविक रूप से लोग ऊनी कपड़े की जरूरत पूरी करने में लग गये हैं. इस वजह से गरम व ऊनी कपड़ों की खरीददारी के लिए ग्राहकों की भीड़ दुकानों पर पहुंचने लगी है. युवाओं की पहली पसंद जैकेट है, तो युवा महिलाओं में भी अब जैकेट का क्रेज देखने को मिला है. वहीं बुजुर्ग लोगों के बीच आज भी स्वेटर और ओवरकोट का क्रेज बरकरार है. गरम कपड़ों के साथ ऊन का बाजार भी गरम हुआ है, लेकिन अब पहले जैसा आकर्षण नहीं रह गया है. प्रखंड क्षेत्र में जितनी भी कपड़े की दुकान है, वह ऊनी कपड़े की दुकान में अब तब्दील हो चुकी है. विगत एक सप्ताह से ऊनी कपड़ा खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ बढ़ गयी है. बड़े और स्थायी दुकान के अलावा बाजार के चौक-चौराहे पर छोटे-मोटे दुकानदारों के द्वारा ऊनी कपड़े बेचे जा रहे हैं. वहीं कई अस्थायी दुकानें भी खुल चुकी हैं. इन दुकानों में गरीब व मध्यम तबके के लोगों के लिए सस्ते दाम पर हर प्रकार के ऊनी कपड़े मिल जाते हैं. यहां हर प्रकार के स्वेटर, जैकेट, मफलर, टोपी, दस्ताना आदि गरम कपड़े उपलब्ध हैं. हालांकि ठंड के मौसम में इस तरह की अस्थायी दुकानें दो माह से अधिक दिनों तक नहीं रहती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक फुटपाथी दुकानदार ने बताया कि ‘ पूरे मौसम में अच्छी-खासी कमाई हो जाती है, जो स्थायी दुकानों से कम नहीं होती है. ‘

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