सब्जी पौधशाला प्रबंधन की दी गयी जानकारी जलालगढ़. कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ में ग्रामीण युवक-युवतियों को तीन दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया गया. इसमें सब्जी पौधशाला प्रबंधन की जानकारी दी गयी. केवीके के उद्यान वैज्ञानिक सह मुख्य प्रशिक्षक डा अभिषेक प्रताप सिंह ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवकों को बताया कि बीजों का समुचित उपयोग कैसे किया जाये. उन्होंने बताया कि पौधशाला में गुणवत्ता युक्त पौधे तैयार कर व्यावसायिक स्तर पर बेचकर भी लाभ कमाया जा सकता है. श्री सिंह ने बताया कि सब्जी बीज को लगाने से पहले पांच ग्राम ट्रैकोडरमा एक किलो बीज को उपचारित करके बुआई करनी चाहिये. साथ ही दस ग्राम ट्रैकोडरमा को प्रतिलीटर पानी में घोलकर प्रति वर्गमीटर क्षेत्रफल को उपचारित करके ही बुआई करनी चाहिये. बताया कि पौधशाला बीमारी मुख्य रूप से पौधगलन रोग से बचाव के लिये कार्बेन्डाजिम 1.5 से दो ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करना चाहिये. इस मौके पर केवीके के कीट वैज्ञानिक डा सीमा कुमारी ने बताया कि कीट व्याधि से बचाव के लिये इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करना चाहिये. रविवार को प्रशिक्षण प्राप्त सभी युवक युवतियों को प्रमाण पत्र दिया गया. इस मौके पर मृदा वैज्ञानिक अशविनी कुमार चंद्रवाल, डा हेमन्त कुमार आदि मौजूद थे.फोटो: 14 पूर्णिया 7परिचय-पौधशाला के प्रशिक्षण में शामिल कृषि वैज्ञानिक एवं ग्रामीण युवक
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सब्जी पौधशाला प्रबंधन की दी गयी जानकारी
सब्जी पौधशाला प्रबंधन की दी गयी जानकारी जलालगढ़. कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ में ग्रामीण युवक-युवतियों को तीन दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया गया. इसमें सब्जी पौधशाला प्रबंधन की जानकारी दी गयी. केवीके के उद्यान वैज्ञानिक सह मुख्य प्रशिक्षक डा अभिषेक प्रताप सिंह ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवकों को बताया कि बीजों का समुचित उपयोग कैसे […]
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