वर्मी कंपोस्ट हो सकता है बेहतर विकल्प
वर्मी कंपोस्ट हो सकता है बेहतर विकल्प श्रीनगर. प्रखंड की हसैली खुट्टी पंचायत के सत्संग भवन परिसर में मंगलवार को इफको कंपनी की ओर से मृदा स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन किया गया. मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक केंद्र कटिहार के वैज्ञानिक डा रामाकांत सिंह ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट खाद रसायनिक खाद […]
वर्मी कंपोस्ट हो सकता है बेहतर विकल्प श्रीनगर. प्रखंड की हसैली खुट्टी पंचायत के सत्संग भवन परिसर में मंगलवार को इफको कंपनी की ओर से मृदा स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन किया गया. मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक केंद्र कटिहार के वैज्ञानिक डा रामाकांत सिंह ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट खाद रसायनिक खाद का बेहतर विकल्प हो सकता है. इससे न केवल अधिक उत्पादन होता है, बल्कि लागत भी कम आती है. इस मौके पर संयुक्त निबंधन सहयोग समिति प्रमंडल पूर्णिया के प्रभारी बिरेंद्र ठाकुर ने कहा कि किसानों को फसल उपजाने में कम से कम 70 प्रतिशत लागत का बचत हो इस पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. किसान खेती करने में अगर वैज्ञानिक तरीके को अपनायेंगे तो उन्हें 70 प्रतिशत का लाभ जरूर होगा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिक केंद्र पूर्णिया के डा एस पी सिंह ने कहा कि किसान जब तक तकनीक के जरिये कृषि को विकसित नहीं करेंगे, तब तक विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसके लिए किसानों को वैज्ञानिकों के बताये हुए तौर तरीके पर खेती करना होगा. इफको कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह मृदा पखवाड़ा दिसंबर तक पूरे देश में चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसानों को इस बात से अवगत कराना है कि जमीन को समूचित रूप से उर्वरक नहीं मिल पाता है. इस कार्यक्रम के जरिये किसानों को जागरूक कर उन्हें खेती कर अधिक लाभ दिलाने के लिए प्रेरित किया जाता है. इस मौके पर किसान रंजीत कुमार, सीताराम शर्मा, कमलदेव मंडल, राम उदगार सिंह, मिथलेश शर्मा, अरुण कुमार शर्मा, सुखदेव मंडल, जे एन सिंह, सहायक क्षेत्र प्रबंधक इफको पूर्णिया मौजूद थे. फोटो:- 23 पूर्णिया 2,3परिचय:- 2- मंच पर उपस्थित कृषि वैज्ञानिक 3- उपस्थित किसान