खुले बाजार में धान बेचने को मजबूर हैं किसान

खुले बाजार में धान बेचने को मजबूर हैं किसान रूपौली. पैक्सों में धान अधिप्राप्ति की प्रकिया अब तक आरंभ नहीं हो सकी है. इसके कारण किसान खुले बाजार में व्यवसायियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं. गोरियर पंचायत के मुखिया रामजी महतो, छरापट्टी मुखिया गजाधर मंडल, पूर्व मुखिया अरुण कुमार सिंह, लोकेश कुमार एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2015 6:53 PM

खुले बाजार में धान बेचने को मजबूर हैं किसान रूपौली. पैक्सों में धान अधिप्राप्ति की प्रकिया अब तक आरंभ नहीं हो सकी है. इसके कारण किसान खुले बाजार में व्यवसायियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं. गोरियर पंचायत के मुखिया रामजी महतो, छरापट्टी मुखिया गजाधर मंडल, पूर्व मुखिया अरुण कुमार सिंह, लोकेश कुमार एवं गोपाल मिश्र गोपेश ने बताया कि प्रशासन द्वारा अब तक पैक्सों में धान खरीद की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण अधिप्राप्ति आरंभ नहीं हो सकी है. दरआल किसानों की मजबूरी यह है कि मक्का और गेहूं की खेती के लिए समय गुजर रहा है और इसके लिए पूंजी की आवश्यकता है. लेकिन अधिप्राप्ति आरंभ नहीं के कारण किसान 01 हजार से 11 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेचने को मजबूर हैं. किसानों की मानें तो अधिकतर लोगों ने अपनी धान अब तक बेच दी है, केवल इक्के-दुक्के लोग ही अभी भी क्रय केंद्र खुलने का इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने प्रशासन से शीघ्र क्रय केंद्र खोलने की मांग की है.

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