अध्यात्म से ही बदलेगा समाज : अली
अध्यात्म से ही बदलेगा समाज : अली पूर्णिया. समाज अध्यात्म से ही बदलेगा. अध्यात्म के लिए ध्यान आवश्यक है. मन, कर्म और वचन जब एक हो जाये उसे ध्यान कहते हैं. इसलिए ध्यान के लिए मन, वचन और कर्म को एक करना होगा. उक्त बातें शिव शिष्य लियाकत अली खान ने कही. बनारस से आये […]
अध्यात्म से ही बदलेगा समाज : अली पूर्णिया. समाज अध्यात्म से ही बदलेगा. अध्यात्म के लिए ध्यान आवश्यक है. मन, कर्म और वचन जब एक हो जाये उसे ध्यान कहते हैं. इसलिए ध्यान के लिए मन, वचन और कर्म को एक करना होगा. उक्त बातें शिव शिष्य लियाकत अली खान ने कही. बनारस से आये शिव शिष्य खान शक्तिनगर सिपाही टोला के दुर्गा मंदिर प्रांगण में सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच प्रवचन दे रहे थे. शुक्रवार की संध्या सिपाही टोला विकास मंच द्वारा आयोजित शिव गुरु परिचर्चा समारोह में उन्होंने कहा कि धर्म और मजहब के नाम पर इनसान को नहीं बांटा जा सकता है. उन्होंने कहा ना हिंदू हूं, ना मुसलमान हूं, मजहब से अनजान हूं, बस इतना पता है कि एक इनसान हूं. श्री अली ने कहा कि जब व्यक्ति ध्यान में होते हैं तो आत्मा से देखते हैं और आत्मा से देखने पर सभी जीव एक समान दिखाई देते हैं. कहा कि रामायण और गीता में बताया गया है कि मनुष्य को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. रामायण में राम और भरत का चरित्र सभी पढ़ते तो हैं लेकिन व्यवहार में नहीं लाते. उन्होंने कहा कि भगवान राम जब वनवास के लिए जंगल गये तो भातृ प्रेम में लक्ष्मण और पति प्रेम में सीता भी जंगल चली गयी. भरत बड़े भाई के प्रति कर्तव्य निर्वहन के लिए उनके खड़ाऊ को पूजते रहे. उक्त बातों में पारिवारिक मर्यादा के तहत प्रेम, दायित्व, कर्तव्य और समर्पण का संदेश है. उन्होंने कहा जो गलती नहीं करे भगवान हैं, जो गलती स्वीकार करे इनसान है और जो गलती स्वीकार नहीं करे हैवान है. उन्होंने कहा कि शिव को जानना और समझना सबों के बस में नहीं है. लेकिन जो भी हो शिव महान है. श्रद्धालुओं में जिप अध्यक्ष सुनीता देवी उर्फ प्रतिमा देवी भी शामिल थी. शिव चर्चा करने वालों में शंभु जी एवं दशरथ गुप्ता, भजन गाने वालों में पूजा कुमारी, सुजाता देवी, दमन जी, संतोष कुमार एवं विजय कुमार साहनी शामिल थे. ऑर्गन पर रवींद्र जी, पेड पर बबलू जी एवं नाल पर प्राण मोहन शर्मा संगत कर रहे थे. समारोह के सफल संचालन में आयोजन समिति के गुड्डू झा, संजय सिन्हा, मनोज वर्मा, दीपू शर्मा, कविंद्र मोहन दूबे उर्फ लल्कू दूबे, मनोज वर्मा, इंद्रकांत मिश्र, नन्हे सिंह, दीपू सिंह, इंद्र मोहन शर्मा, रिशु सिन्हा, राकेश एवं कंचन कुमार वर्मा का सराहनीय योगदान रहा. शिव परिचर्चा के समापन खीर महाप्रसाद का वितरण किया गया. फोटो:-26 पूर्णिया 20 एवं 21परिचय:- 20- शिवचर्चा करते शिवशिष्य 21- उपस्थित श्रद्धालु