नये साल ने दी दस्तक, पिकनिक स्पॉट है बदहाल
नये साल ने दी दस्तक, पिकनिक स्पॉट है बदहाल पूर्णिया. वर्ष 2015 के खट्ठे-मीठे यादों को बाय-बाय कहने के साथ नये साल के आगमन की अब उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. नये साल के दस्तक के साथ ही उसके स्वागत की तैयारी भी आरंभ हो चुकी है. अभी से ही पार्क, पिकनिक स्पॉट आदि […]
नये साल ने दी दस्तक, पिकनिक स्पॉट है बदहाल पूर्णिया. वर्ष 2015 के खट्ठे-मीठे यादों को बाय-बाय कहने के साथ नये साल के आगमन की अब उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. नये साल के दस्तक के साथ ही उसके स्वागत की तैयारी भी आरंभ हो चुकी है. अभी से ही पार्क, पिकनिक स्पॉट आदि को लेकर खासकर युवा वर्ग योजना बनाने में जुट गया है. वहीं शहर के पार्क एवं पिकनिक स्पॉट बदहाली और कुव्यवस्था का शिकार है. शहर का राजेंद्र बाल उद्यान, इंदिरा पार्क, रजनी पार्क के साथ ध्रुव उद्यान की बदहाली नयी पीढ़ी के युवाओं के उत्साह पर पानी फेर सकता है. वहीं करीब 03 वर्ष पूर्व तक पिकनिक स्पॉट का मुख्य केंद्र रहा काझा कोठी पार्क तथा जलालगढ़ किला भी प्रशासनिक उदासीनता का शिकार बन कर रह गया है. राजेंद्र बाल उद्यान ने खोयी चमक इस वर्ष राजेंद्र बाल उद्यान की उदासी शहर वासियों के उत्साह पर भारी पड़ेगा. वैसे तो अपने सौंदर्यीकरण के दो-तीन माह बाद से ही राजेंद्र बाल उद्यान का गर्दिश का दौर आरंभ हो गया था. नतीजा यह रहा कि आहिस्ता-आहिस्ता वोटिंग से लेकर खेल, झूला और सुरंग तक टूट कर बिखर गये और रोशनी के लिए लगे लैप भी गायब हो गये. बदहाली का दौर शुरू हुआ तो फिर बेहतरी के लिए कोई पहल नहीं आरंभ हुई. अब हालात यह है कि निगम केवल वैकल्पिक रोशनी की व्यवस्था और साफ-सफाई के अलावा कुछ करने से भी गुरेज कर रहा है. गौरतलब है कि बिहार राज्य पुल निगम को बाल उद्यान सौंपने की चिट्ठी के बाद फसे पेंच के बाद हालात यह है कि छुट्टियों में भी बच्चों की भीड़ कम पड़ रही है तो नये साल के उत्साह को पंख उद्यान में कैसे लग पायेगा. फोटो:- 29 पूर्णिया 07परिचय:- बाल उद्यान का सूखा तालाब वीरान है इंदिरा पार्क46 लाख 98 हजार की लागत से बना इंदिरा पार्क की स्थिति यह है कि यहां न तो बैठकने की सुविधा है न ही कोई सुरक्षा, रोशनी का हाल बेहाल है. कुव्यवस्था के शिकार इस पार्क की वीरानगी की कहानी यह है कि यहां पार्क का लुत्फ लेने वाले कभी-कभार ही दिखते हैं. हालात यह है कि नये साल के आगमन पर भी इस पार्क में अब तक न तो रोशनी, न ही सफाई की व्यवस्था की जा सकी है. ऐसे में पार्क का लुत्फ इस बार किरकिरा ही रहने वाला है. फोटो:- 29 पूर्णिया 08परिचय:- इंदिरा पार्क गर्दिश में है रजनी पार्क कभी बच्चों के चहकते कदम व उनकी मीठी हंसी से गूंजने वाला रजनी पार्क के दिन गर्दिश में है. इस पार्क में पेड़, फूल, पौधों के साथ पार्क का ढ़ांचा मौजूद तो है लेकिन अब यह केवल कहने को पार्क रह गया है. विडंबना यह है कि पार्क का मुख्य गेट धराशायी हो रहा है. रोशनी के लिए लगा वेपर टूट कर गिरा है. नववर्ष दरवाजे पर दस्तक देने वाला है. बच्चे, बुजुर्ग मस्ती के दो पल के लिए पार्क ढूंढ़ रहे हैं, पिकनिक स्पॉट की खोज हो रही है. लेकिन यहां न तो व्यवस्था है न व्यवस्थापक. कुल मिला कर यहां बदइंतजामी का माहौल है. फोटो:- 29 पूर्णिया 09परिचय:- रजनी पार्क उपेक्षित है ध्रुव उद्यान पर्व त्योहार एवं नववर्ष के आगमन के साथ-साथ छुट्टियों में मस्ती, पिकनिक एवं सैर सपाटे के लिए शहर के निगम क्षेत्र में बने एकमात्र ध्रुव उद्यान की स्थिति अब खंडहरनुमा हो चुकी है. पिकनिक स्पॉट और एक आकर्षक उद्यान के निर्माण के साथ शहरवासियों के दिलों में कई अरमान जगे थे. लेकिन नौका बिहार के साथ दुर्लभ पेड़ों से सजी वादियों में पिकनिक का अरमान विभागीय उपेक्षा का शिकार हो गया है. आज हाल यह है कि यहां पिकनिक तो दूर, घूमने भी लोग आने से कतराते हैं. फोटो:- 29 पूर्णिया 10परिचय:- ध्रुव उद्यान काझा कोठी का वर्तमान बदहाल इस वर्ष नये साल का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट काझा कोठी भी फीका-फीका नजर आयेगा. इस बार न तो नौका बिहार का मजा सैलानी ले पायेंगे और न ही सजेगी फूलों की महफिल. दरअसल नये साल पर फूलों की बेहतर प्रजातियों के साथ उसके सजावट को लेकर होने वाला प्रतियोगिता इस वर्ष काझा कोठी में नहीं होने वाला है. पोखर की सफाई और व्यवस्था के अभाव में नौका बिहार भी बंद रहेगा. कोठी के अंदर पहले से लगे फूलों की बगिया और लोगों के मस्ती को लेकर मौजूद अन्य व्यवस्थाएं भी नदारद है. ऐसे में पिकनिक का मजा फीका रहने के पूर्ण आसार बने हुए हैं. फोटो:- 29 पूर्णिया 11परिचय:- काझा कोठी जलालगढ़ किलो की नहीं हुई सफाई पिकनिक स्पॉटों में जलालगढ़ किला भी किसी से कम नहीं है. यहां वैसे तो सालों भर स्कूली बच्चे एवं सैलानी किला एवं किले का इतिहास जानने-देखने आते हैं. लेकिन नये साल के दिन यहां बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने तथा घूमने वालों की भीड़ उमड़ती है. नये साल के दस्तक देने में अब महज घंटे बांकी है. लेकिन अब तक किले के अंदर व बाहर साफ-सफाई एवं सुरक्षा की व्यवस्था नहीं हो पायी है. अलबत्ता पिकनिक के लिए यहां आने वाले लोगों को निराशा ही मिलेगी. फोटो:- 29 पूर्णिया 12परिचय:- जलालगढ़ स्थित जलालगढ़ किला