बाढ़ के पानी में धुल गये छह लाख रुपये
पूर्णिया : बायसी के पूर्व अंचल नाजिर विवेक वर्द्धन विवादों में हैं. विवादों की मूल वजह है वर्ष 2013 में आये बाढ़ के दौरान राशि उपयोगिता का. दरअसल वर्ष 2013 में बायसी में आयी बाढ़ ने भारी तबाही मचायी थी. जिससे दर्जनों परिवार प्रभावित हुए. लेकिन हैरत की बात यह है कि आम लोगों के […]
पूर्णिया : बायसी के पूर्व अंचल नाजिर विवेक वर्द्धन विवादों में हैं. विवादों की मूल वजह है वर्ष 2013 में आये बाढ़ के दौरान राशि उपयोगिता का. दरअसल वर्ष 2013 में बायसी में आयी बाढ़ ने भारी तबाही मचायी थी. जिससे दर्जनों परिवार प्रभावित हुए. लेकिन हैरत की बात यह है कि आम लोगों के लिए आपदा के रूप में आयी बाढ़ प्रशासनिक महकमे के लिए खजाने की चाबी बन कर सामने आयी.
वर्ष 2013 में आयी बाढ़ के दौरान तत्कालीन अंचल नाजिर विवेक वर्द्धन द्वारा अग्रिम राशि का उठाव किया गया. लेकिन दो वर्ष बाद भी अब तक 06 लाख 04 हजार 700 रुपये की राशि का समायोजन नहीं हो सका है.
697650 रुपये का किया था अग्रिम उठाव
तत्कालीन अंचल नाजिर ने बाढ़ राहत के मद्देनजर 06 लाख 97 हजार 650 रुपये का अग्रिम राशि उठाव किया था. जिसमें 93 हजार 580 रुपये नगदी वापस जमा कर दिये गये. वहीं 06 लाख 04 हजार 700 रुपये के व्यय की सूची समर्पित की गयी है. लेकिन सूची में कर्मी का पदनाम पदस्थापन कार्यालय अग्रिम की तिथि तथा पंचायत एवं प्रयोजन का उल्लेख नहीं है. यही कारण है कि अंचल कार्यालय द्वारा भी अब तक संबंधित कर्मी से राशि का समायोजन नहीं कराया जा सका.
हालांकि अब जिला स्तरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इस बाबत कवायद आरंभ कर दी गयी है. बाढ़ 2013 के लिए अग्रिम उठाव के उपरांत अब तक 06 लाख रुपये से अधिक की राशि का समायोजन नहीं हो सका है. वहीं तत्कालीन नाजिर द्वारा राशि संबंधी पूर्ण विवरण उपलब्ध नहीं कराने के कारण मामला और भी अधिक पेंचीदा हो गया है. हालांकि बायसी अंचलाधिकारी ने श्री वर्द्धन को पत्र जारी कर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
इसके उपरांत ही कर्मियों का सूचना तामिला होगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि किन कर्मियों के पास कितनी राशि लंबित है. इस बाबत सीओ द्वारा जिला प्रशासन को सौंपे गये रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल सभी कर्मियों ने अग्रिम लंबित होने की बात से इनकार कर दिया है.