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अहिंसा व नशामुक्ति से होगा जीवन सफल: आचार्य महाश्रमण

अहिंसा व नशामुक्ति से होगा जीवन सफल: आचार्य महाश्रमण – आचार्य महाश्रमण पदयात्रा क्रम में पहुंचे बनमनखी- जैन धर्मावलंबियों ने किया भव्य स्वागत – महाश्रमण ने श्रद्धालुओं को किया प्रवचन के माध्यम से संबोधित —————————–बनमनखी. जैन धर्म के प्रचारक अहिंसा यात्रा के प्रणेता, शांतिदूत युवा मनीषी आचार्य महाश्रमण जी महराज अपनी अहिंसा यात्रा के दौरान […]

अहिंसा व नशामुक्ति से होगा जीवन सफल: आचार्य महाश्रमण – आचार्य महाश्रमण पदयात्रा क्रम में पहुंचे बनमनखी- जैन धर्मावलंबियों ने किया भव्य स्वागत – महाश्रमण ने श्रद्धालुओं को किया प्रवचन के माध्यम से संबोधित —————————–बनमनखी. जैन धर्म के प्रचारक अहिंसा यात्रा के प्रणेता, शांतिदूत युवा मनीषी आचार्य महाश्रमण जी महराज अपनी अहिंसा यात्रा के दौरान मंगलवार को बनमनखी पहुंचे. यहां इनका मारवाड़ी संघ की ओर से भव्य स्वागत किया गया. 1500 किलोमीटर की लंबी दूरी को पैदल तय करनेवाले आचार्य महाश्रमण के साथ परम पूज्य साध्वी कनक प्रभा के अलावा 120 साधु एवं साध्वियों की टोली भी साथ चल रही है. तकरीबन 12 बजे बनमनखी पदार्पण के बाद आचार्य के दर्शन को जैसे जनसैलाब उमड़ आया. आचार्य की ओर से प्रवचन स्थल पर मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित किया गया. प्रवचन के दौरान उन्होंने लोगों को अहिंसा यात्रा के गूढ़ को समझाया. अहिंसा यात्रा के दौरान साधु-साध्वियों की जत्था के साथ पहुंचे जैन धर्म के इस अनुयायियों का प्रवचन स्थल पर महिला मारवाड़ी संघ की महिलाओं की ओर से स्वागत गान गाकर स्वागत किया गया. महिलाओं की उपस्थित भीड़ ने शिश झुका कर आचार्य के की ओर से बताये गये रास्तों पर चलने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी. आचार्य महाश्रमण ने अपने प्रवचन में कहा कि अहिंसा यात्रा का उद्देश्य दुनिया में घूम-घूमकर सद्भावना, नैतिकता और नशा मुक्ति की ओर लोगों को अग्रसर कराना है. उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के परंपराओं को हमने जीवन में उतारा है. हमारा उद्देश्य उनका अनुयायी बन कर उनके की ओर से बताये गये रास्तों पर चलने के लिए आम जनों को अग्रसर करना है. यह सौभाग्य हमें मिला है. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा हिंसा से बचना चाहिए और अहिंसा के रास्तों पर चलना चाहिए. हिंसा वो नहीं जो दिखायी देती है, वह भी है जो हमें दिखायी नहीं देती. मुंह पर पट्टी और श्वेत वस्त्रों में ढका शरीर यही जीवन की सच्चाई है. हम जो बोलते हैं उस ध्वनि से वायुमंडल में मौजूद जीवों को हानि ना हो जाये हमसे जीव की हत्या ना हो जाये इसलिए जैन धर्म को माननेवाले हमेशा अपने मुख पर पट्टी डाल कर रखते हैं. उन्होंने कहा कि जीवन में सद्भावना का श्रवण कर उसे जीवन में उतार कर, नैतिकता का पालन कर, नशा से वंचित रह कर जीवन के इस उपवन को बेहतर ढंग से सजाया जा सकता है. जिन्होंने इन मूल मंत्रों को जीवन में आत्मसात कर लिया उसका जीवन सफल हो जायेगा. भगवान महावीर के की ओर से दुनिया को दिखाया गया रास्ता ही जीवन का मूल मंत्र होना चाहिए. प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण जी महराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं से सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के प्रति खड़े होकर संकल्प लिए जाने की बात कही तो उपस्थित लोगों ने खड़े होकर इस संकल्प को जीवन में उतारने की शपथ ली.स्वागत को पहुंचे विधायक और पूर्व विधायक युवा मनीषी आचार्य महाश्रमण जी महराज और साध्वी प्रखड़ कनक प्रभा की अगुआई और स्वागत को लेकर पूर्णिया के विधायक विजय खेमका, बनमनखी के विधायक कृष्ण कुमार ऋषि एवं राजद के पूर्व बनमनखी विधायक दिलीप कुमार यादव मौजूद थे. उन्होंने महाश्रमण की अगुवाई की.इस मौके पर श्री ऋषि ने कहा कि भगवान महावीर के संदेशों को जन जन तक पहुंचाने का जो बीड़ा आपने उठा रखा है इससे मानव जाति का कल्याण सुनिश्चित है. पूर्णिया विधायक विजय खेमका ने कहा कि आपकी सेवा और दर्शन का सौभाग्य जिसे प्राप्त होगा, उसके जीवन में बदलाव निश्चित है. शाम के समय भी हुआ प्रवचन संध्याकाल में भी महाश्रमण का प्रवचन सुनने का सौभाग्य जैन धर्मावलंबियों को मिला. इस मौके पर आचार्य के जीवन से संबंधित फिल्में भी दिखायी गयी. अहिंसा यात्रा का यह जत्था कल सुबह 7 बजे सरसी के लिए प्रस्थान करेगा. सरसी और केनगर प्रवास के बाद गुलाबबाग एवं खुश्कीबाग होते हुए महाश्रमण का काफिला 08 जनवरी को पूर्णिया पहुंचेगा. फोटो:- 05 पूर्णिया 07 से 09परिचय:- 07- बनमनखी पहुंचे आचार्य महाश्रमण 08- प्रवचन करते आचार्य महाश्रमण 09- प्रवचन सुनते जैन धर्मावलंबी

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