विद्यालय भवन निर्माण : दोषी शिक्षकों को लेकर अब तक संशय बरकरार – दोषी शिक्षकों की संख्या में आ रहा है उताड़-चढ़ाव- 197 विद्यालय प्रधानों पर था प्राथमिकी का आदेश, 55 के बाद लगा ब्रेक- किसके विरुद्ध हुई प्राथमिकी जिला शिक्षा परियोजना को नहीं है इसकी जानकारीपूर्णिया. विद्यालय भवन निर्माण में मामले में जिले का शिक्षा महकमा काफी सजगता दिखा रहा है. लेकिन सच्चाई यही है कि कार्रवाई के नाम पर अब तक केवल हवाबाजी का खेल चल रहा है. प्रभात खबर को मिली जानकारी के मुताबिक अब तक जिले में दोषी शिक्षकों की सूची ही तैयार नहीं हो पायी है. हालांकि जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल के आदेश के बाद जिला शिक्षा विभाग ने 197 विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध प्राथमिकी का आदेश जारी कर दिया. तथाकथित रूप से 55 विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध प्राथमिकी भी करायी गयी. लेकिन अब तक इसकी सूची भी जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय के पास उपलब्ध नहीं है.नहीं तैयार है दोषियों की सूचीजिला शिक्षा विभाग एक ओर विद्यालय भवन निर्माण में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का दावा कर रहा है. वहीं खुद विभागीय अधिकारियों में दोषियों को लेकर संशय बरकरार है. दरअसल अधिकारियों की परेशानी यह है कि दोषियों की सूची वह किस प्रकार तैयार कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. वहीं पूर्व के अधिकारियों द्वारा बरती गयी लापरवाही ने वर्तमान अधिकारियों की समस्या और भी अधिक बढ़ा दी है. बीते सात सालों में शायद ही कोई ऐसा मौका रहा जब अधिकारियों ने राशि वसूली अथवा उपयोगिता के प्रति गंभीरता दिखायी हो. लेकिन अब विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक राशि समायोजन को लेकर सख्त है, तो जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी भी गंभीर हुए हैं. जिलाधिकारी के सख्त हिदायत के बाद आनन-फानन में 197 विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध प्राथमिकी का आदेश जारी किया गया. लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो दोषियों की वास्तविक संख्या अभी भी स्पष्ट नहीं है. विभिन्न तर्कों के आधार पर संख्या में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है.सूची को लेकर अधिकारियों में संशयजिला शिक्षा विभाग में अधिकारियों के बीच दोषियों की अंतिम सूची को लेकर संशय बरकरार है. दरअसल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का आधार क्या होगा. क्या उन शिक्षकों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी जो भवन निर्माण करवा रहे हैं, या केवल उनके विरुद्ध जिन्होंने राशि उठाव के बाद भवन निर्माण नहीं कराया. भवन निर्माण को लेकर आवंटित राशि का उठाव नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो या नहीं, इस बात को लेकर भी अधिकारी पशोपेश में हैं. यही कारण है कि कभी दोषियों की सूची 250 के आंकड़े को पार कर जाती है और कभी यह आंकड़ा दहाई अंकों में सिमट कर रहा जाता है. अभी तक एफआइआर की सूची नहींसर्वशिक्षा अभियान के तहत जिले में विद्यालय भवन निर्माण की राशि गबन को लेकर 197 विद्यालय प्रधानों के विरुद्ध प्राथमिकी का आदेश करीब एक सप्ताह पूर्व जारी किया गया था. इसके तहत सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने की जिम्मेवारी सौंपी गयी. जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा सर्वशिक्षा डीपीओ कार्यालय से सभी बीइओ को संबंधित क्षेत्र के शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायी गयी. जिसके दो दिनों के अंदर 55 शिक्षकों के विरुद्ध तथाकथित रूप से प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी. इसमें सबसे अधिक बैसा प्रखंड में 14, बनमनखी व अमौर में 10, बायसी में 08, बीकोठी में 07 तथा भवानीपुर में 06 प्राथमिकी की सूचना दी गयी. लेकिन हैरत की बात है कि जिला शिक्षा परियोजना को अब तक इसकी सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी है. यहां तक कि शिक्षकों पर दर्ज की गयी प्राथमिकी संख्या भी जिला शिक्षा परियोजना के पास उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा यह सवाल भी गंभीर है कि आखिर 55 प्राथमिकी के उपरांत कार्रवाई किन परिस्थितियों में रोक दी गयी. जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी अथवा सर्वशिक्षा डीपीओ स्तर से इस बाबत कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है.टिप्पणी दोषी शिक्षकों की अंतिम सूची तैयार की जा रही है. इसे तीन भागों में बांट कर राशि वसूली की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. किसी भी हालत में राशि का समायोजन किया जायेगा, दोषियों को बख्शा नहीं जायेगी.विजय कुमार झा, डीपीओ, सर्वशिक्षा अभियान, पूर्णिया
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