परिजन जब तक पहुंचते, हो गयी मौत

प्रतिनिधि नवगछिया/धमदाहा: सोमवार को सड़क हादसे में मारे गये पूर्णिया के धमदाहा निवासी रवि कुमार और कटिहार के चांदपुर कदवा थाना के ओकय निवासी गोपाल मिश्र दुर्घटना के बाद बातचीत कर रहे थे. उन दोनों ने खुद ही अपने परिजनों को फोन करके अपनी खैरियत बतायी थी. लेकिन परिजन जब तक अस्पताल पहुंचे दोनों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2013 6:49 AM

प्रतिनिधि नवगछिया/धमदाहा: सोमवार को सड़क हादसे में मारे गये पूर्णिया के धमदाहा निवासी रवि कुमार और कटिहार के चांदपुर कदवा थाना के ओकय निवासी गोपाल मिश्र दुर्घटना के बाद बातचीत कर रहे थे. उन दोनों ने खुद ही अपने परिजनों को फोन करके अपनी खैरियत बतायी थी. लेकिन परिजन जब तक अस्पताल पहुंचे दोनों की मौत हो गयी थी. मृतक रवि की मौसी गोपालपुर थाना क्षेत्र की सुगटिया निवासी सुमीरा देवी ने कहा कि उसके भाई पोठिया निवासी सुनील कुमार मोदी को रवि ने फोन पर बताया कि बस का एक्सीडेंट हो गया है. लेकिन मैं ठीक ठाक हूं. यहां आ जाओ. इसके बाद सुनील कुमार मोदी ने सुगटिया में अपनी बहन को घटना के बारे में जानकारी दी. जैसे ही बहन अस्पताल पहुंची तो रवि की मौत चुकी थी. रवि अपने परिवार का सबसे बड़ा लड़का था. वह प्राय: प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेता था. वह पढ़ने में काफी मोधावी था. दूसरी तरफ गोपाल मिश्र ने अपने पिता शिवनारायण मिश्र और अररिया के बोरेल निवासी जीजा अरुण तिवारी से दुर्घटना के बाद से लागातार संपर्क में रहा. गोपाल के पिता शिवनारायण मिश्र के ने कहा कि गोपाल ने उसे फोन किया किया कि बस गड्ढे में पलट गयी है. वह घायल हो गया है. अभी वह नवगछिया में है. शिवनारायण मिश्र ने बताया कि उनके पुत्र ने कहा ठीक ठाक हूं. लेकिन यहां आकर देखा तो वह पता नहीं कहां चला गया था. शिवनारायण मिश्र के दो पुत्रों में से सबसे बड़ा पुत्र गोपाल ही था. नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में वह चुप चाप बैठा गोपाल के शव को निहार रहा था. शिवनारायण मिश्र का कहना था कि बड़े जतन से पुत्र को पढ़ाया था. कई सपने थे अफसोस सब कुछ खत्म हो गया. नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के कर्मियों ने जानकारी दी कि सभी घायलों के साथ रवि और गोपाल भी आया था. दोनों का प्राथमिक उपचार कर दिया गया था. इसके बाद दोनों को चाय और बिस्कुट भी दिया गया था. दोनों चाय बिस्कुट खाकर बेड पर लेटे थे. एका एक खबर आयी कि दोनों की हालत खराब हो गयी. जब तक कुछ किया जा सकता था तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी.

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