पोलियो के खिलाफ अंतिम अस्त्र साबित होगा आइपीवी देश और राज्य पोलियो मुक्त घोषित, लेकिन खतरा बरकरार पड़ोसी देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पोलियो वायरस मौजूद सीमांचल है गेट वे ऑफ इस्ट जोन अब तक पोलियो वैक्सीन का होता रहा है प्रयोग अब वैक्सीन के अलावा दिया जायेगा पोलियो टीका 17 जनवरी से होगा अभियान की शुरुआत प्रतिनिधि, पूर्णियादेश पोलियो मुक्त हो चुका है.किंतु पड़ोसी देशों का पोलियो मुक्त नहीं होने से भारत में पोलियो के वायरस फिर पनपने की संभावना है.इस खतरे के मद्देनजर विभाग इनैक्टिवैटिड पोलियो वायरस वैक्सिन(आइपीवी) का शुभारंभ 17 जनवरी से करने जा रही है.यह इंजेक्टेवल टीका है.इस टीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ता ही है साथ ही वाइल्ड पोलियो वायरस पर नियंत्रण की दिशा में काफी कारगर है.इस टीका करण अभियान के लिए विभाग पूरी तैयारी कर चुकी है.17 जनवरी से चलेगा अभियान नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जिले में इनैक्टिवैटिड पोलियो वायरस वैक्सिन की शुरुआत 17जनवरी से हो रहा है. इस कार्यक्रम के तहत ओरल पोलियो वैक्सिन के साथ साथ आइपीवी का भी टीका दिया जायेगा.आइपीवी टीकाकरण की व्यवस्था सरकारी अस्पतालों,स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर नि:शुल्क है.यह टीका इंट्रामस्कुलर इंजेक्टेबल टीका है.जो बच्चों के दाहिने जांघ के बाहरी भाग में दिया जाता है.इस टीका की एक खासियत यह है कि जिस व्यक्ति को लगता है,सिर्फ उसी पर प्रभाव डालता है.अत्यंत लाभकारी है टीकाआइपीवी की महत्वपूर्ण खासियत यह है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को उच्च बनाने के साथ-साथ वाइल्ड पोलियो वायरस नियंत्रण पाने में काफी कारगर है.जब आइपीवी इंजेक्शन और ओपीवी की तीसरी खुराक एक साथ पड़ेगी तो बच्चों के साथ-साथ समाज की दोहरी सुरक्षा होती है.दोनो मिलकर पोलियो वायरस दोबारा संक्रमित करने से रोकता है.आइपीवी का कोई साइड इफैक्ट नहीं है.जिस स्थान पर टीका दिया जाता है,उस स्थान की त्वचा थोड़ा लाल हो जाता है.जो दो-चार दिनों में स्वत: सामान्य हो जाता है.यदि टीका के बाद बुखार हो जाता है तो बच्चे को पारासिटामोल देने की सलाह डॉक्टर देते हैं.साढ़े सात लाख बच्चे को पड़ेगा टीकाजिला प्रतिरक्षण विभाग की ओर से जिले के 7.30 लाख बच्चों को आइपीवी टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.इस टीकाकरण अभियान में लगभग 3500 स्वास्थ्य कर्मी,आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से अभियान चलाने की पूरी तैयारी कर ली गयी है.सभी पीएचसी एवं एपीएचसी एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में भी आइपीवी पहुंचाने की व्यवस्था सुढृढ़ कर ली गयी है.इस काम में जिला प्रतिरक्षण इकाई के साथ साथ यूनिसेफ,डब्ल्यूएचओ कदम से कदम मिला कर अभियान को सफल बनाने की तैयारी में लगी है.मंगलवार को विभाग की ओर से सिविल सर्जन के कार्यालय कक्ष में स्थानीय मीडिया के साथ कार्यशाला भी आयोजित किया गया. पोलियो का खतरा अब भी बरकरारविभाग के अनुसार बिहार में पोलियो का अंतिम केस सितंबर 2010 में देखा गया था.जबकि देश में अंतिम केस जनवरी 2011 में पाया गया था.उसके बाद से पोलियो का एक भी केस नहीं देखा गया.अब देश पोलियो मुक्त हो चुका है.किंतु भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में वाइल्ड पोलियो वायरस अब भी मौजूद है. चूंकि यह इलाका गेटवे ऑफ इस्ट जोन कहलाने के नाते पड़ोसी देशो सें पोलियो वायरस का भारत आने का खतरा बरकरार है.इसलिए दुनिया भर के तमाम देशों से पोलियो का सफाया नहीं हो जाता है,तब तक पोलियो का खतरा संभव है.आइपीवी इस खतरे को रोकने में रामवाण साबित होगा.टिप्पणी-117 जनवरी से आइपीवी शुरु किया जा रहा है.तमाम अभिभावकों से अपील है कि अपने बच्चो के साथ -साथ अपने पड़ोसी के बच्चों को यह महत्वपूर्ण टीके के लिए प्रोत्साहित करें.डॉ एमएम वसीम,सिविल सर्जन,पूर्णियाटिप्पणी-2 आइपीवी टीका से बच्चे का रोग प्रतिरोधक क्षमता तो उच्च होगा ही साथ ही वाइल्ड पोलियो वायरस भी नियंत्रित होगा.इसलिए इस टीके को अपने बच्चे को अवश्य दिलायें.डा उपेंद्र तिवारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, पूर्णिया फोटो:- 14 पूर्णिया 01परिचय:- आइपीवी का टीका देते कर्मी.
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पोलियो के खिलाफ अंतिम अस्त्र साबित होगा आइपीवी
पोलियो के खिलाफ अंतिम अस्त्र साबित होगा आइपीवी देश और राज्य पोलियो मुक्त घोषित, लेकिन खतरा बरकरार पड़ोसी देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पोलियो वायरस मौजूद सीमांचल है गेट वे ऑफ इस्ट जोन अब तक पोलियो वैक्सीन का होता रहा है प्रयोग अब वैक्सीन के अलावा दिया जायेगा पोलियो टीका 17 जनवरी से होगा अभियान […]
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