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मुसीबत. लगातार खुल रहे हैं िकसी न िकसी बैंक के एटीएम पर, परेशानी बरकरार

रात में एटीएम सेंटर बंद रहने से दर-दर भटकते हैं बैंक उपभोक्ता अगर रात के आठ बजे के बाद आपको एटीएम से पैसा निकालना है तो फिर भगवान ही मालिक है. आप ढूंढ़ते रह जायेंगे और आपको एटीएम खुला हुआ नहीं मिलेगा पूर्णिया : शहर में लगातार किसी न किसी बैंक के एटीएम सेंटर खुल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2016 5:07 AM

रात में एटीएम सेंटर बंद रहने से दर-दर भटकते हैं बैंक उपभोक्ता

अगर रात के आठ बजे के बाद आपको एटीएम से पैसा निकालना है तो फिर भगवान ही मालिक है. आप ढूंढ़ते रह जायेंगे और आपको एटीएम खुला हुआ नहीं मिलेगा
पूर्णिया : शहर में लगातार किसी न किसी बैंक के एटीएम सेंटर खुल रहे हैं, लेकिन ग्राहकों की परेशानी बरकरार है. अगर रात के 08 बजे के बाद आपको एटीएम से पैसा निकालना है तो फिर भगवान ही मालिक है. आप ढूंढ़ते रह जायेंगे और आपको एटीएम खुला हुआ नहीं मिलेगा. आज कल बड़ा से बड़ा और छोटा से छोटा आदमी बैंक एवं एटीएम कार्ड पर निर्भर है. हाल यह है कि 500 से 01 हजार रुपये के लिए यात्रा या बाजार करने हेतु लोग एटीएम का सहारा लेते हैं. दिन में तो लोगों की जरूरत पूरी हो जाती है,
लेकिन रात में इमरजेंसी के दौरान इन्हें ढूंढ़ते भी पैसा नहीं मिल पाता है. विडंबना तो यह है कि बस स्टैंड, रेलवे प्लेटफॉर्म एवं कई वैसे सार्वजनिक जगहों में एटीएम नहीं है, जहां सबसे अधिक जरूरत है. मेन रोड या फिर थोड़ी दूरी पर है भी तो कहीं खराब तो कहीं 07 बजे तक बंद हो जाता है. ऐसे में जरूरतमंदों को किस कदर परेशानी झेलनी पड़ती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
असुविधा के लिए खेद, हुई आम बात
एटीएम जल्दी बंद होने और लेट से खुलने के अलावा एक समस्या और है कि यहां असुविधा के लिए खेद है लिखे बोर्ड स्थायी तौर पर मौजूद रहते हैं. ऐसा आम तौर पर होता है कि एटीएम में रुपये नहीं रहते हैं. इसके अलावा लिंक फेल होना तो आम समस्या बनी हुई है. ऐसे में लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाते रहते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि दूसरे बैंक के एटीएम में लोग जब अपना कार्ड डालते हैं तो जवाब आता है कि यह कार्ड मान्य नहीं है और असुविधा के लिए खेद है. इस वजह से कई एटीएम में लंबी कतार लगी रहती है.

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