अजमत उल्लाह की मजार पर मेला कल

पूर्णिया : जिले के बायसी प्रखंड के बाज बेरिया स्थित सूफी संत सैयद अजमत उल्लाह की मजार पर मंगलवार को भव्य मेला लगेगा. ऐतिहासिक महत्व के इस मजार पर देश-विदेश के लाखों जायरीन दर्शन के लिए हर वर्ष यहां पहुंचते हैं. मान्यता है कि बाबा अजमतउल्लाह की मजार पर सबकी मुरादें पूरी होती हैं. मुरादें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 12:47 AM

पूर्णिया : जिले के बायसी प्रखंड के बाज बेरिया स्थित सूफी संत सैयद अजमत उल्लाह की मजार पर मंगलवार को भव्य मेला लगेगा. ऐतिहासिक महत्व के इस मजार पर देश-विदेश के लाखों जायरीन दर्शन के लिए हर वर्ष यहां पहुंचते हैं.

मान्यता है कि बाबा अजमतउल्लाह की मजार पर सबकी मुरादें पूरी होती हैं. मुरादें पूरी होने पर यहां चादर चढ़यी जाती है. इस वर्ष सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बाबा अजमत उल्लाह की मजार पर चादरपोशी के लिए पहुंच रहे हैं. इसको लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है.

उर्स की तैयारी पूरी,पहुंचने लगे जायरीन : मीनापुर पंचायत के बैरिया स्थित बाबा अजमतउल्लाह की मजार पर प्रति वर्ष बंग्ला तिथि के अनुसार दस एवं ग्यारह फागुन को दो दिवसीय मेला लगता है.

मेला के मद्देनजर यहां व्यापक स्तर पर तैयारी की गयी हैं. मेले में इस बार बच्चों के मनोंरंजन के लिए झूला, मौत का कुंआ ,चित्रहार आदि लगाया जा रहा है. यह मेला फर्नीचर के लिए भी मशहूर है. बिहार,प बंगाल आदि स्थानों से फर्नीचर की दुकानें सजती हैं. उर्स को ले कर सोमवार से ही जायरिनों का लगातार पहुंचना शुरु हो गया है. बाबा अजमत उल्लाह के दरबार में बंगला देश, पाकिस्तान नेपाल सहित भारत के विभिन्न भागों से प्रति वर्ष श्राद्धालु मत्था टेकने आते हैं.

मान्यता है कि परेशान हाल लोग बाबा की मजार पर चालीस दिन की हाजिरी देने के बाद उसकी परेशानी काफूर हो जाती है. यहां आने वाले हर एक की मुरादें पूरी होती है. यही वजह है कि बाबा अजमतउल्लाह की मजार पर हर वर्ष देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु मूरादें पूरी होने पर मत्था टेकने अवश्य आते है.

ऐतिहासिक महत्व : इस मजार का इतिहास काफी पुराना है. बताया जाता है कि तकरीबन सात सौ वर्ष पूर्व पंडूआ शरीफ पश्चिम बंगाल के शेख अलाउल हक पंडवी से शिक्षा ग्रहण करने के उपरान्त अजमत उल्लाह साहब कागज का बाज बनाकर उड़ाया. जो यहां बेरिया में आकर गिरा. बताया जाता है कि इस गंाव का नाम पहले बिगनबाड़ी था. कागज का बाज इस गांव में गिरने के बाद से बाज बैरिया के नाम से प्रसिद्ध हुआ. पूर्णिया जीरो माइल से पूरब व बायसी से पश्चिम स्थित है फटकी मोड़. यहां से लगभग दक्षिण में बाज बेेरिया स्थित है.

सीएम 23 को करेंगे चादरपोशी : पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष उर्स की व्यापक एवं विशिष्ट तैयारी की जा रही है. इस वर्ष 23 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाबा अजमत उल्लाह की मजार पर चादरपोशी करने पहुंच रहे हैं.

सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी की जा रही है. चादरपोशी के बाद मुख्यमंत्री का कई अहम कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. मुख्यमंत्री के आगमन से इस वर्ष का उर्स मेला खास होने की उम्मीद है.

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