मानदेय के लिए पांच वर्ष से दर-दर की ठोकरें खा रहे शिक्षक

ऋषिदेव ने पंचायत के मुखिया महबूब आलम व पंचायत सचिव नारायण प्रसाद ठाकुर पर मानदेय बाधित रखने के साथ-साथ दुर्व्यवहार का लगाया है आरोप पूर्णिया : महादलित समुदाय का शिक्षक सुशील ऋषिदेव शिक्षक बनने के पांच वर्ष बाद भी अपने मानदेय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. शनिवार को अररिया जिला के कुसियार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 4:06 AM

ऋषिदेव ने पंचायत के मुखिया महबूब आलम व पंचायत सचिव नारायण प्रसाद ठाकुर पर मानदेय बाधित रखने के साथ-साथ दुर्व्यवहार का लगाया है आरोप

पूर्णिया : महादलित समुदाय का शिक्षक सुशील ऋषिदेव शिक्षक बनने के पांच वर्ष बाद भी अपने मानदेय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. शनिवार को अररिया जिला के कुसियार गांव निवासी सुशील ऋषिदेव ने डीआइजी का दरवाजा खटखटाया. डीआइजी को दिये गये आवेदन में ऋषिदेव ने पंचायत के मुखिया महबूब आलम एवं पंचायत सचिव नारायण प्रसाद ठाकुर पर मानदेय बाधित रखने के साथ-साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है.
श्री ऋषिदेव ने बताया कि 24 अगस्त 2015 को जब वे अन्य शिक्षकों के साथ लंबित वेतन भुगतान के लिए गये तो दुर्व्यवहार किया गया और मारपीट की गयी. इस बाबत अररिया थाना कांड संख्या 57/15 भी दर्ज है. श्री ऋषिदेव एवं अन्य शिक्षकों का कहना है कि मुखिया और पंचायत सचिव मानदेय के एवज में रूपये की मांग कर रहे हैं.
प्राधिकार ने दिया मानदेय भुगतान का आदेश
जिला अपीलीय प्राधिकार में 08 अगस्त 2014 को पीड़ित शिक्षकों द्वारा अपील दाखिल की गयी. सुनवाई के दौरान स्पष्ट हुआ कि सभी शिक्षक 29 दिसंबर 2010 से कार्यरत हैं. लेकिन नियोजन इकाई द्वारा अद्यतन मामले का भुगतान नहीं किया जा रहा है. पंचायत सचिव चैनपुर मसुरिया द्वारा शिक्षकों की अनुपस्थिति विवरणी भी उपलब्ध करायी गयी. लेकिन पंचायत सचिव यह स्पष्ट नहीं कर पाये कि अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर मानदेय का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है. अपने आदेश में पीठासीन पदाधिकारी ने कहा कि बिना वेतन के किसी कर्मी से कार्य लेना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है. प्राधिकार ने नियोजन इकाई को अविलंब वेतन भुगतान का आदेश दिया.

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