रुपम पाठक यौन उत्पीड़न मामला : विपिन राय को 10 वर्ष सश्रम कारावास

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया जिला की एक अदालत ने वर्ष 2010 में पूर्णिया के तत्कालीन विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या के आरोप में भागलपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रही रुपम पाठक के साथ बहुचर्चित यौन उत्पीड़न मामले में अभियुक्त विपिन राय को 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2016 9:12 PM

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया जिला की एक अदालत ने वर्ष 2010 में पूर्णिया के तत्कालीन विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या के आरोप में भागलपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रही रुपम पाठक के साथ बहुचर्चित यौन उत्पीड़न मामले में अभियुक्त विपिन राय को 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की आज सजा सुनाई.

अपर सत्र न्यायाधीश :तृतीय: मो0 एजाजुद्दीन ने पाठक द्वारा 28 मई 2010 को दर्ज कराए गये उक्त मामले में केसरी के सहयोगी रहे विपिन राय को 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. एक निजी स्कूल की संचालिका रुपम पाठक ने 28 मई 2010 को तत्कालीन विधायक राजकिशोर केसरी एवं उनके सहयोगी विपिन राय पर करीब तीन वर्षों तक यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस कांड में पुलिस ने साक्ष्य की कमी बताते हुए 31 अगस्त 2010 को फाइनल रिपोर्ट सौंपकर फाइल बंद कर दिया था.

मामले में काफी उतार चढाव के बाद रुपम पाठक ने पुलिस अनुसंधान पर आपत्ति जताते हुए अदालत में याचिका दाखिल की. अदालत ने इसकी सुनवाई के लिए 25 मार्च 2011 की तारीख निर्धारित की थी इसी बीच इस मामले में उस समय एक नया मोड़ तब आ गया जब रुपम पाठक ने चार जनवरी 2011 को दिन दहाड़े विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या कर दी थी. अदालत ने केसरी की हत्या के बाद मुकदमें से राजकिशोर केसरी का नाम तो हटा लिया लेकिन विपिन राय पर मुकदमा चलता रहा.

लगभग एक वर्ष तक गवाहों के बयान विभिन्न तिथियों में दर्ज किये जाते रहे और अंत में 12 अगस्त 2012 को मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी पूर्णिया ने विपिन राय के विरुद्ध भादंवि की धारा 376 के तहत संज्ञान लिया तथा आज तब इस मुकदमें का पदाक्षेप हो गया जब न्यायाधीश ने सजा मुकर्रर की. न्यायाधीश अपने आदेश में कहा है कि अर्थदंड की रकम में से 80 प्रतिशत पीड़िता को दिया जाये एवं 20 प्रतिशत सरकारी खजाने में जमा किया जाये.

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