चुनाव से प्रत्याशियों के छूट रहे पसीने, मतदाता भी हलकान

पूर्णिया : नगर निकाय चुनाव जून महीने में होना है. ऐसे में वार्डों से लेकर समूचे शहर में हलचल तेज है. चुनावी अखाड़े में कूदने वाले प्रत्याशियों से लेकर समर्थक तक सभी चुनावी जरूरतों के मुताबिक कागजात जुटाने में लगे हैं. वहीं मतदाता भी पिछले पांच सालों के हिसाब को चुकता करने के जुगत में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2016 4:58 AM

पूर्णिया : नगर निकाय चुनाव जून महीने में होना है. ऐसे में वार्डों से लेकर समूचे शहर में हलचल तेज है. चुनावी अखाड़े में कूदने वाले प्रत्याशियों से लेकर समर्थक तक सभी चुनावी जरूरतों के मुताबिक कागजात जुटाने में लगे हैं. वहीं मतदाता भी पिछले पांच सालों के हिसाब को चुकता करने के जुगत में हैं.

इन सब के बीच नगर निकाय चुनाव को लेकर जारी नियम ने कई प्रत्याशियों के पसीने छुड़ा दिये हैं. साथ ही मतदाता भी हैरान और परेशान होकर निगम से लेकर वार्ड पार्षद व वीएलडब्ल्यू(मतदाता सूची से जुड़े कर्मचारी) को खोज रहे हैं. हालात यह है कि नगर निकाय चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा कराये गये मतदाता सूची के सर्वे ने प्रत्याशियों से लेकर मतदाताओं के होश उड़ा दिये हैं. लगभग सभी वार्डों के मतदाता सूची का हाल यह है

कि थोक के भाव में मतदाता एक वार्ड से दूसरे वार्ड के लिस्ट में नामांकित कर दिये गये हैं. हालांकि इसे लेकर बड़े पैमाने पर आपत्ति भी दर्ज करायी गयी है. इसके अलावा जांच और सुधार की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गयी है. लेकिन अभी भी प्रत्याशियों से लेकर मतदाताओं के वोट डालने से लेकर उम्मीदवारी तक के राह में कई रोड़े अटके हैं.

चुकता रसीद और नो ड्यूज का है फेर : नगर निकाय चुनाव में बतौर उम्मीदवार चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को तीन तरह का प्रमाणपत्र नगर निगम से लेना अनिवार्य है. जिसमें ट्रेड से संबंधित टैक्स, पेशा से संबंधित टैक्स तथा होल्डिंग टैक्स, इन तीनों तरह के टैक्स का भुगतान करने के साथ निगम द्वारा निर्गत चुकता रसीद का नामांकन फॉर्म के साथ होना जरूरी है. ऐसे में वैसे उम्मीदवारों को जिनके पास होल्डिंग नंबर नहीं है, उनकी उम्मीदवारी में पेच फंस गया है.

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