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4000 गरीबों को नहीं मिल रहा अनाज

अनदेखी. नवंबर माह में ही कर िदया गया था आवंटन, अब राशन कार्ड का पेच पूर्णिया : नगर निगम क्षेत्र के 4000 ऐसे गरीब परिवारों को जो सरकार के पूर्विकताप्राप्त गृहस्थी राशन कार्ड की सूची में अर्थात पीएचएच योजना में शामिल हैं, वे पिछले करीब पांच महीने से राशन के इंतजार में टकटकी लगाये बैठे […]

अनदेखी. नवंबर माह में ही कर िदया गया था आवंटन, अब राशन कार्ड का पेच

पूर्णिया : नगर निगम क्षेत्र के 4000 ऐसे गरीब परिवारों को जो सरकार के पूर्विकताप्राप्त गृहस्थी राशन कार्ड की सूची में अर्थात पीएचएच योजना में शामिल हैं, वे पिछले करीब पांच महीने से राशन के इंतजार में टकटकी लगाये बैठे हैं. हालांकि इन्हें राशन देने के लिए आपूर्ति विभाग से नवंबर माह में ही राशन जनवितरण को आवंटित कर दिया गया है. इसके बावजूद इस योजना में शामिल गरीबों को पांच महीने बाद भी राशन मुहैया नहीं कराया जा सका है. दरअसल इस योजना के तहत आवंटित अनाज के वितरण में राशन कार्ड का पेच फंस गया है.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा जारी पीएचएच योजना के कार्यान्वयन को लेकर कई बार पेच फंसता रहा है. वहीं 2013 से जारी यह योजना 2014 में इस योजना के अंतर्गत आने वाले गरीबों की सूची तैयार 2015 में राशन कार्ड के साथ पूर्ण हुई और आपूर्ति विभाग ने राशन कार्ड के आधार पर अनाज भी आवंटित कर दिया. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस योजना के तहत सूचीबद्ध गरीबों को अब तक राशन कार्ड ही नहीं मिल पाया है.
ऐसे में एक तरफ गरीब परेशान हैं. उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ डीलर नवंबर-दिसंबर में इस योजना के तहत उठाये गये अनाज के खराब होने को लेकर हैरान, लेकिन राशन कार्ड वितरण को लेकर आपूर्ति विभाग और नगर निगम दोनों एक दूसरे के माथे टिकरा फोड़ने पर अमादा है, लेकिन कोई वितरण कराने को लेकर चिंतित नहीं दिख रहा है.
नहीं बंटा कार्ड तो सड़ जायेगा अनाज : स्थिति यह है कि आपूर्ति विभाग राशन कार्ड के वितरण के लिए नगर निगम को दोषी ठहरा रहा है. वहीं नगर निगम चुनावी प्रक्रिया में कर्मचारियों को लगाये जाने एवं कर्मियों की कमी के कारण वितरण में विलंब होने की बात कह रहा है तो नगर निगम चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद राशन कार्ड का वितरण मुश्किल है. ऐसे में गरीबों के भूख मिटाने के लिए आवंटित अनाज राशन दुकान में ही सड़ने लगेगा.
बिना राशन कार्ड बंटे कैसे आवंटित हुआ अनाज : यह सवाल भी अब बड़ी तेजी से चर्चा के केंद्र में है कि जब राशन कार्ड लाभुकों के बीच बंटा ही नहीं और राशन पर्ची प्रिंट होकर आया ही नहीं था तो नवंबर महीने में ही अनाज का आवंटन राशन दुकानदारों को कैसे कर दिया गया. अगर अनाज आवंटन हुआ भी तो आपूर्ति विभाग लाभुकों को राशन कार्ड व पर्ची मिला या नहीं
, इसकी जानकारी क्यों नहीं ली. इस मामले में स्थिति चाहे जो रही हो, लेकिन करीब 4000 लाभुक परिवारों को पांच महीने से अनाज से वंचित रहना और विभागीय कार्यशैली पर चर्चा जोरों पर है.
2013 की योजना 2015 में हुई पूरी वितरण नहीं होने से सड़ रहा अनाज
सरकार द्वारा पूर्विकता प्राप्त गृहस्थी राशन की योजना पीएचएच वर्ष 2013 में लागू किया गया था. इस योजना के तहत शहरी व ग्रामीण इलाकों के वैसे गरीब, जो इस योजना के तहत आते हैं, उनकी सूची तैयार करनी थी. बताया जाता है कि वर्ष 2014 में निगम द्वारा इसकी सूची तैयार कर ली गयी थी, लेकिन सूची में गड़बड़ी को लेकर पड़ी आपत्ति के बाद पुन: सर्वे कराया गया, जो तकरीबन 4000 परिवारों के साथ पूर्ण हुआ. लेकिन राशन कार्ड निर्माण का कार्य 2015 में पूर्ण हुआ.
शहर के 46 वार्डों के करीब 112 से 113 राशन दुकानदारों को पीएचएच योजना के तहत नवंबर माह में ही अनाज आवंटित कर दिया गया था. आवंटन के बाद राशन दुकानदारों द्वारा दिसंबर में उठाव भी कर लिया गया, लेकिन न तो गरीबों को राशन कार्ड मिला और न ही पर्ची. ऐसे में राशन दुकानदारों ने राशन वितरण का काम नहीं किया है. बीते चार महीने से गोदामों में पड़े गरीबों का अनाज सड़ने लगा है.

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