सफेदपोशों के संरक्षण में लखनझड़ी फिर गुलजार

किरण का चलता है सिक्का लग्जरी वाहन से बंगाल से आती है लड़कियां दलालों व ग्राहकों को मिल रही है शराब फिरोज, गोरबा व लालबाबू की टीम है सक्रिय पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है धंधा पूर्णिया : हालिया छापेमारी के उपरांत कुछ दिनों तक सन्नाटे के बाद गुलाबबाग स्थित देह मंडी लखनझड़ी एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2016 5:43 AM

किरण का चलता है सिक्का

लग्जरी वाहन से बंगाल से आती है लड़कियां
दलालों व ग्राहकों को मिल रही है शराब
फिरोज, गोरबा व लालबाबू की टीम है सक्रिय
पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है धंधा
पूर्णिया : हालिया छापेमारी के उपरांत कुछ दिनों तक सन्नाटे के बाद गुलाबबाग स्थित देह मंडी लखनझड़ी एक बार फिर गुलजार हो गया है. यहां मौजूद सेक्स वर्कर अब अपने कमरे से बाहर निकल कर सड़क किनारे ग्राहकों के इंतजार में खड़ी दिखने लगी है. सूत्र बताते हैं कि लखनझड़ी में किरण का ही सिक्का चलता है. वह अपने आधे दर्जन लड़कियों के साथ बेखौफ जिस्म फरोशी के कारोबार में सक्रिय है. पुलिस मैनेजमेंट में वह माहिर है.
यही कारण है कि जब-जब छापेमारी हुई, देह मंडी खामोश रहा पर कुछ ही दिनों में कारोबार शुरू हो गया. किरण के पति मंगला उसके कारोबार में अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर रहे हैं. किरण के अलावा कब्रिस्तान टोला का फिरोज, गोरबा उर्फ मकबुल, हमीला खातून व उसका लड़का सर्फउद्दीन सहित लालबाबू धड़ल्ले से इस कारोबार में सक्रिय हो गया है.
लग्जरी वाहन से आती है शराब व लड़की : कब्रिस्तान टोला का करीम बंगाल के पांजीपाड़ा व इस्लामपुर से लड़कियां लाता है. वह अपने लग्जरी वाहन में लड़कियों के अलावा दलालों व ग्राहकों के लिए विदेशी शराब भी लाने का काम कर रहा है. जानकार बताते हैं कि करीम को लड़कियों से अधिक शराब में कमाई हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाहन में लड़कियों के रहने से शराब के बाबत किसी को शक भी नहीं होता है. चर्चा तो यह है कि बुर्कानशी सेक्स वर्कर अपने साथ भी शराब की छोटी-छोटी बोतलें लाती है. खास बात यह है कि हर बार करीम रास्ता बदल-बदल कर लखनझड़ी तक पहुंचता है.
नहीं लग सका कारोबार पर पूर्ण विराम : हालिया छापेमारी के बाद कटिहार मोड़ स्थित घोषपाड़ा का देह मंडी बंद पड़ा हुआ है. वहीं लखनझड़ी में बेखौफ जिस्म फरोशी के सौदागर एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं. जबकि देह मंडी को बंद कराने को लेकर पुलिस ने कई बार अभियान चलाया.
बड़ा सवाल यह है कि तमाम कवायद के बावजूद लखनझड़ी में जिस्म फरोशी का कारोबार क्यों नहीं बंद हो रहा है. जानकार बताते हैं कि जब तक पुलिस को प्रतिमाह एक बंधी-बंधाई रकम मिलती रहती है, तब तक कारोबार में कोई परेशानी नहीं होती है. पुलिसिया संरक्षण मिलने के बाद ही इस धंधे को अंजाम दिया जाता है. दिन ढलते ही जिस्म का बाजार सजने लगता है.

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