अधर में है डीबीटी योजना, अवैध उगाही की मिलने लगी शिकायत

पूर्णिया :कसबा प्रखंड में डीबीटी योजना अभी धरातल पर उतर भी नहीं पायी है कि इसमें अवैध उगाही की शिकायत भी मिलने लगी है. इस जन कल्याणकारी योजना में हो रहे विलंब उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है. वहीं दूसरी ओर पीडीएस दुकानदार भी इस देरी का लाभ उठाते हुए भागते भूत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2016 1:10 AM
पूर्णिया :कसबा प्रखंड में डीबीटी योजना अभी धरातल पर उतर भी नहीं पायी है कि इसमें अवैध उगाही की शिकायत भी मिलने लगी है. इस जन कल्याणकारी योजना में हो रहे विलंब उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है. वहीं दूसरी ओर पीडीएस दुकानदार भी इस देरी का लाभ उठाते हुए भागते भूत की लंगोटी भली कहावत को चरितार्थ करने में जुट गये हैं. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में डीबीटी सूची में नाम शामिल करने के लिए पीडीएस दुकानदारों द्वारा उपभोगताओं से राशि उगाही का मामला सामने आ रहा है. इस बात की भनक विभाग को नहीं है
अथवा अनजान बनी हुई है. पीडीएस में डीबीटी योजना एक जनवरी से लागू होना था, किंतु विभागीय तकनीकी गड़बड़ियों के कारण निर्धारित समय पर शुरू नहीं हो सका. इस योजना के शुरू हो जाने से प्रखंड क्षेत्र के लगभग 35 हजार उपभोक्ताओं को राशन केरोसिन की राशि सीधे बैंक खाते में जमा होनी आरंभ हो जायेगी.
विभाग की इस मजबूरी का लाभ पीडीएस दुकानदार बखूबी उठा रहे हैं. उपभोक्ताओं की शिकायत है कि योजना में शामिल करने के एवज में 500 रुपये की मांग की जा रही है.
नवंबर माह में लिया था उपभोक्ताओं से दस्तावेज : डीबीटी योजना में शामिल करने हेतु पीडीएस दुकानदारों द्वारा नवंबर माह में ही उपभोक्ताओं से राशन कार्ड,आधार कार्ड सहित तमाम दस्तावेज लिए गये थे. अप्रैल माह के पहले सप्ताह से ही पीडीएस दुकानदारों द्वारा यह कह कर एक बार फिर दस्तावेज लेना शुरू कर दिया कि पूर्व में लिए गये दस्तावेज गुम हो गये हैं. ऐसा करके पीडीएस दुकान दार एक तीर से दो शिकार कर रहे हैं. पहला लाभ तो अनाज का उठाव कर उपभोक्ताओं को डीबीटी लागू होने की वजह बता कर राशन- केरोसिन बचा रहा है, वहीं दूसरा दस्तावेज का बहाना बना कर राशि की उगाही भी की जा रही है.
सॉफ्टवेयर आने का हो रहा है इंतजार
विभाग डीबीटी की सारी तैयारी पूरी कर ली है. कुछ तकनीकी कारणों से इस योजना में विलंब हो रहा है.सिर्फ पटना से सॉफ्टवेयर आने का इंतजार किया जा रहा है. साफ्टवेयर आते ही सारा डाटा उसमें अपलोड कर केंद्र सरकार को भेज दिया जायेगा. जहां से खाद्यान्न की अनुदान राशि को सीधे ट्रांसफर कर दिया जायेगा.सॉफ्टवेयर आने में विलंब होने के कारण प्रशासन अपने स्तर से भी सॉफ्टवेयर डेवलप करने में जुटी है.
कहते हैं पदािधकारी
आपूर्ति पदािधकारी अजय कुमार ने कहा कि अब तक डीबीटी मामले में वसूली की शिकायत नहीं मिली है. यदि इस तरह की शिकायत मिलेगी तो जांच करा कर डीलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उपभोक्ताओं से भी अपील है कि डीबीटी के लिए किसी भी प्रकार की राशि किसी भी डीलर को नहीं दें.

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