पकड़ी गयी चोरी, अब लीपापोती का प्रयास

नगर निधि योजना. बिना निविदा का लगा था योजना बोर्ड नगर निधि मद की 101 योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर नगर निगम क्षेत्र के सभी 46 वार्डों में द्रुत गति से कार्य आरंभ किया गया. बिना निविदा खुले योजनाओं का बोर्ड लग गया और उन पर संवेदकों के नाम भी दर्ज कर दिये गये. लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2016 5:37 AM

नगर निधि योजना. बिना निविदा का लगा था योजना बोर्ड

नगर निधि मद की 101 योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर नगर निगम क्षेत्र के सभी 46 वार्डों में द्रुत गति से कार्य आरंभ किया गया. बिना निविदा खुले योजनाओं का बोर्ड लग गया और उन पर संवेदकों के नाम भी दर्ज कर दिये गये. लेकिन मामले ने तुल पकड़ा और वार्ड पार्षदों की चोरी पकड़ी गयी. नतीजा रहा कि वार्डों में इसकी लीपापोती का प्रयास भी आरंभ कर दिया गया है.
पूर्णिया : योजना बोर्ड को लेकर पार्षदों में जितनी बेचैनी थी, उससे भी अधिक बेचैनी अब योजना बोर्ड को ठिकाने लगाने के लिए है. इधर प्रशासनिक स्तर से अब तक मामले की जांच शुरू नहीं की गयी है. गौरतलब है कि उक्त योजनाओं की निविदा 11 मई को खुलनी थी. लेकिन अपरिहार्य कारणों से इसे तत्काल स्थगित कर दिया गया. बावजूद इसके कई वार्डों में योजनाएं क्रियान्वित होने लगी. प्रभात खबर द्वारा इस बाबत प्राथमिकता से लगातार खबरें भी प्रकाशित की जा रही है.
इस मामले को लेकर सदर एसडीएम रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह द्वारा सदर अनुमंडल के कार्यपालक दंडाधिकारी सत्येंद्र कुमार सहाय को जांच का आदेश दिया गया था. हालांकि कार्यपालक दंडाधिकारी का तर्क है कि इस बाबत उन्हें कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है.
पहले गिराया, फिर उठा लिया बेडमिसाली: नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 34 के कई मुहल्लों में सड़क निर्माण को लेकर बेडमिसाली गिराया गया. लेकिन प्रभात खबर में खबर प्रकाशन के बाद अचानक ही बेडमिसाली वापस उठा लिया गया. वार्डवासियों ने बताया कि कई ऐसी सड़कों के मुहाने पर भी बेडमिसाली गिराया गया था, जो सरकारी योजना के रूप में पारित नहीं हुआ है. लेकिन खबर प्रकाशन के बाद अचानक बेडमिसाली उठा लिया गया. पूछने पर बताया गया कि किसी कॉलेज के मैदान में इसे गिराया जाना है. बेडमिसाली को लेकर स्पष्ट रूप से किसी का नाम सामने नहीं आया. लोगों ने बताया कि बेडमिसाली किसने गिरवाया और किसने उठवाया, इसका भी पता नहीं है. दीगर बात है कि कुछ लोग इसी का हवाला देते हुए किसी खास प्रत्याशी के समर्थन में वोट की अपील कर रहे थे.
15 मई की रात अचानक लगा बोर्ड
नगर निधि मद की 101 योजनाओं की निविदा जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) द्वारा 11 मई को खोली जानी थी. लेकिन डूडा के कार्यपालक अभियंता उपेंद्र कुमार ने अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए इसे अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया. बावजूद 15 मई की रात अचानक सभी वार्डों में योजना बोर्ड लगा दिया गया.
16 मई से कुछ वार्डों में योजनाओं का क्रियान्वयन आरंभ हुआ, जो बाद में सभी वार्डों तक फैल गया. बोर्ड लगाने को लेकर वार्ड पार्षदों में इतनी हड़बड़ी थी कि वार्ड नंबर तक गलत दर्ज हो गया. दीगर बात है कि संबंधित वार्ड पार्षद का नाम बोल्ड अक्षरों में दर्ज कर दिया गया. वार्ड संख्या 34 के सिटी नाका चौक से ऐसे ही एक योजना बोर्ड पर वार्ड संख्या 32 अंकित था. इसी प्रकार की गलती अन्य वार्डों में भी देखी गयी.
रिश्तों की डोर, हुई कमजोर
समय बदलने के साथ अब रिश्ते में दरार पड़ने लगी है. छिजते रिश्ते की टीश अब हर परिवार का अभिन्न अंग बनता जा रहा है. एक ही दिन एक ही तरह की कई सूचनाएं हमारे समाज के इस कमजोर नब्ज को बयां कर रहा है. इस तरह की सूचनाएं पढ़ कर हम सोचने पर मजबूर होते हैं कि हमारा समाज किधर जा रहा?

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