एकजुट हुए व्यापारी, विरोध तेज
टैक्स कलेक्शन एट सोर्स. नये टैक्स कानून से व्यापारियों की बढ़ीं मुश्किलें पूर्णिया : एक जून से सूबे में लागू नये टैक्स कानून टीसीएस यानी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स को लेकर छोटे-बड़े सभी कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इस नये टैक्स कानून को लेकर विरोध के स्वर भी फूटने लगे हैं. व्यवसायी महासंघ तथा […]
टैक्स कलेक्शन एट सोर्स. नये टैक्स कानून से व्यापारियों की बढ़ीं मुश्किलें
पूर्णिया : एक जून से सूबे में लागू नये टैक्स कानून टीसीएस यानी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स को लेकर छोटे-बड़े सभी कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इस नये टैक्स कानून को लेकर विरोध के स्वर भी फूटने लगे हैं. व्यवसायी महासंघ तथा चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इस नये टैक्स प्रणाली की मुखालफत आरंभ कर दी है. दरअसल एक तरफ जहां व्यापारी तथा कारोबारी जीएसटी को लेकर तैयारियों में लगे थे कि सरकार ने एक नया टैक्स कानून लाकर मुश्किल बढ़ा दी है.
क्या है टीसीएस कानून
बताया जाता है कि इस नये टैक्स कानून टीसीएस में व्यापारियों को खरीदारों से टैक्स लेकर सरकार व विभाग को जमा करना है. इस कानून के अनुसार कारोबारियों को दो लाख के खरीद करने वाले खरीदार से एक प्रतिशत टैक्स खरीदारी के पैसे में जोड़ कर लेना है. इसके अलावा कारोबारी को अपने खरीद-बिक्री का लेखा-जोखा भी अपडेट रखना होगा जिसमें खरीदारों के नाम अंकित होंगे. इसके साथ ही विभाग को टैक्स भुगतान के समय दुकानदार को उक्त रजिस्टर की सूची भी उपस्थित करनी होगी.
आयकर विभाग ने लाया नया टैक्स कानून टीसीएस, टीसीएस के तहत दुकानदार ग्राहक से वसूलेंगे टैक्स
दुकानदार रखेंगे खरीदारों की सूची
कानून के अनुसार कारोबारियों को दो लाख की खरीद करने वाले खरीदारों से एक प्रतिशत टैक्स खरीदारी के पैसे में जोड़ कर लेना है
काला धन पर लगेगी लगाम
इस नये कानून को लेकर आयकर विभाग का मानना है कि बड़े-बड़े मॉल, शो रूम इत्यादि में नगद खरीदारी में 70 प्रतिशत पैसा कालाधन होता है. इस कानून से कैश की खरीदारी पर लगाम लग सकेगी और कालेधन पर भी अंकुश लगेगा. ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स और नियम कानून के दायरे में आयेंगे. लेकिन इसमें भी एक पेंच फंसा हुआ है. वह यह है कि अगर कोई व्यक्ति दो लाख की खरीदारी कर 1 लाख 99 हजार चेक से पेमेंट कर एक हजार भी कैश देता है तो भी खरीदार को पूरे टैक्स चुकाने पड़ेंगे.