सड़क पर सजती हैं दुकानें
पूर्णिया : जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए और शहरवासियों की यातायात की सुविधा के लिए पांच करोड़ की राशि से बनने वाली गंगा-दार्जलिंग सड़क अब आम लोगों के लिए छलावा और परेशानी का सबब बनती जा रही है. 15 मीटर चौड़ी बनने वाली यह सड़क छह महीने बाद भी आधी-अधूरी है. यह […]
पूर्णिया : जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए और शहरवासियों की यातायात की सुविधा के लिए पांच करोड़ की राशि से बनने वाली गंगा-दार्जलिंग सड़क अब आम लोगों के लिए छलावा और परेशानी का सबब बनती जा रही है. 15 मीटर चौड़ी बनने वाली यह सड़क छह महीने बाद भी आधी-अधूरी है. यह अलग बात है कि यह पूरी तरह अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है.
इस सड़क का सूरते हाल यह है कि दिन निकलने के बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है, सड़क गुम होती चली जाती है. गौरतलब है कि गंगा-दार्जलिंग सड़क का अतिक्रमण से वर्षों पुराना रिश्ता रहा है. जनप्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के लाख कवायद के बावजूद अतिक्रमण बरकरार है. हालात यह है कि कई जगह अतिक्रमण के कारण सड़क निर्माण अधूरा है. नाला निर्माण को लेकर संवेदक नहीं मिल रहे हैं. जहां सड़क बनी है, वहां हर रोज दुकानें सजती हैं और जाम का सिलसिला भी हर रोज बरकरार रहता है.
अतिक्रमण हटाने के सारे दावे फेल : बीते माह डीएम पंकज कुमार पाल ने जब सुधि ली तो अधिकारियों को मापी कराने का निर्देश देते हुए अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया. लेकिन सड़क व नाला निर्माण में बनी बाधा अतिक्रमण हटना तो दूर की बात रही, नयी बनायी सड़क भी अब अतिक्रमण की चपेट में है. इन सड़कों पर नयी दुकानें हर रोज सजती है, जो प्रशासनिक दावे पर भारी नजर आ रहा है. विडंबना तो यह है कि सड़क निर्माण कंपनी भी अतिक्रमण को लेकर निर्माण कार्य ठप कर सोयी हुई है.
नाला निर्माण के लिए नहीं मिल रहा संवदेक : हालात यह है कि गंगा दार्जिलिंग सड़क के दोनों तरफ नाला निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार है. अब चार बार निविदा निकाली जा चुकी है, लेकिन संवेदक नहीं मिल रहे हैं. जानकारों के अनुसार शहर या शहर से बाहर का कोई भी संवेदक टेंडर डालने को तैयार नहीं है. इस संबंध में बताया जा रहा है कि जहां नाला बनना है वहां कई जगहों पर अतिक्रमण है. अलबत्ता कोई भी संवेदक पचड़े में नहीं पड़ना चाहता. वहीं निगम से लेकर जिला प्रशासन तक की चुप्पी नहीं टूट रही है.