कौन बनेगा मेयर कल होगा फैसला दावं. कोई गोवा, कोई नेपाल से लौटा घर
मेयर की कुरसी पाने के िलए सभी गुट अपने-अपने दावं लगा रहे हैं. कोई पार्षदों को गोवा तो कोई नेपाल की वािदयों की सैर करा रहे हैं. पूर्णिया : मेयर चुनाव के अब महज 24 घंटे बाकी है. सोमवार को तय हो जायेगा कि नगर महापौर का ताज किसके सिर जाता है. नगर निगम चुनाव […]
मेयर की कुरसी पाने के िलए सभी गुट अपने-अपने दावं लगा रहे हैं. कोई पार्षदों को गोवा तो कोई नेपाल की वािदयों की सैर करा रहे हैं.
पूर्णिया : मेयर चुनाव के अब महज 24 घंटे बाकी है. सोमवार को तय हो जायेगा कि नगर महापौर का ताज किसके सिर जाता है. नगर निगम चुनाव के शतरंजी बिसात पर शह और मात के खेल के लिए पासे फेंके जा रहे हैं. इस बिसात पर पासे के साथ-साथ पैसे भी फेंके जा रहे हैं.
यूं तो महापौर पद के कई दावेदार हैं लेकिन मुख्य रूप से पूर्व मेयर कनीज रजा, वार्ड 42 की पार्षद विभा कुमारी, वार्ड तीन की पार्षद सविता देवी और वार्ड पांच की पार्षद पूर्व जिप अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी को इस रेस में शामिल माना जा रहा है. हालांकि अंतत: मुकाबला सीधा ही होगा, जिसके लिए खेमेबंदी भी आरंभ हो गयी है. वहीं 46 पार्षदों में से अधिकांश पार्षद शहर से गायब रहे जो अब वापस भी लौटने लगे हैं. यह अलग बात है कि अधिकांश पार्षद अभी भी अपनी घर के बजाय पूर्णिया के गुप्त ठिकाने पर रह रहे हैं.
गोवा से नेपाल तक की हुई यात्रा : नगर निगम चुनाव का परिणाम 16 जून को आने के बाद ही मेयर पद के लिए कवायद तेज हो गयी थी. इसी कवायद का नतीजा था कि अचानक ही लगभग तीन दर्जन पार्षद शहर से गायब हो गये. बीते एक सप्ताह तक किसी ने गोवा के समुद्री तट का आनंद उठाया तो कुछ ने नेपाल की पहाड़ी वादियों के बीच ही समय बिताना मुनासिब समझा. फाइव स्टार सुविधा वाले होटलों में रातें गुजरी तो दिन भर सैर सपाटा में बीता.
महिला पार्षदों के साथ-साथ उनके पति अथवा विश्वस्त परिजन को भी सुविधा उपलब्ध करायी गयी. ऐसे पार्षद अचानक शनिवार से नजर आने लगे हैं. हालांकि अभी भी ऐहतियात के तौर पर ऐसे पार्षद अपने घरों से दूर ही रह रहे हैं. ऐसे पार्षदों के मोबाइल स्विच ऑफ बताये जा रहे हैं.
15 लाख रुपये तक पहुंचा रेट
मेयर पद पाने के लिए पैसों की चर्चा चुनाव परिणाम से पहले ही आरंभ हो गया था. सूत्र बताते हैं कि कहीं एक फोर व्हीलर और पांच लाख तो कहीं दस लाख का डील चर्चा में है. चुनाव परिणाम के बाद अचानक तकरीबन 30 से 35 पार्षदों के शहर से गायब होने के बाद इस चर्चा को बल मिलने लगा था. अब जब महज 24 घंटे बचे हैं तो सूत्र बताते हैं कि डील की रकम दस से बढ़कर 15 लाख रुपये तक पहुंच गयी है. हालांकि कई पार्षद इस तरह की लेन-देन की बात को सिरे से खारिज करते हैं. लेकिन शहर में यह चर्चा आम है.
गोवा के समुद्री तट से तरोताजा होकर दर्जन भर लौटे पूर्णिया
खेल बिगड़ने के डर से कई अब तक नहीं पहुंचे घर