एमबीबीएस नहीं करेंगे अल्ट्रासाउंड

पूर्णिया:स्वास्थ्य विभाग ने अल्ट्रासाउंड करने वाले तमाम एमबीबीएस पर नकेल कस दिया है. अब पूर्णिया के कोई एमबीबीएस डॉक्टर अल्ट्रासाउंड एवं सोनोग्राफी नहीं करेंगे. यदि कोई डिग्रीधारी अल्ट्रासाउंड करना चाहेंगे तो उन्हें एमसीआइ से प्रमाणित किसी मेडिकल कॉलेज से छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स करना होगा. अल्ट्रासाउंड एवं सोनोग्राफी को गुणवत्तापूर्ण बनाने हेतु एमसीआइ ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2014 7:41 AM

पूर्णिया:स्वास्थ्य विभाग ने अल्ट्रासाउंड करने वाले तमाम एमबीबीएस पर नकेल कस दिया है.

अब पूर्णिया के कोई एमबीबीएस डॉक्टर अल्ट्रासाउंड एवं सोनोग्राफी नहीं करेंगे. यदि कोई डिग्रीधारी अल्ट्रासाउंड करना चाहेंगे तो उन्हें एमसीआइ से प्रमाणित किसी मेडिकल कॉलेज से छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स करना होगा. अल्ट्रासाउंड एवं सोनोग्राफी को गुणवत्तापूर्ण बनाने हेतु एमसीआइ ने नये नियम बनाये हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है.

बंद होंगे अवैध सेंटर

पूर्णिया में स्वास्थ्य विभाग ने कई एमबीबीएस डॉक्टरों की फीटर अल्ट्रासाउंड करने की छूट दी थी. किंतु नये नियम आ जाने से यहां के तमाम डॉक्टरों में हड़कंप है. पूर्णिया में एक डॉक्टर कई सेंटर खोल कर तकनीशियनों के माध्यम से अल्ट्रासाउंड कर सिर्फ रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते थे. नये नियम आ जाने से अल्ट्रासाउंड सेंटरों के धंधे बाजों में हड़कंप है. वहीं फीटर की आड़ में होल एब्डोमेन अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर भी सकते में है. नये नियम के तहत ऐसे तमाम अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर ताला लटकने लगेंगे.

क्या है नया नियम

अल्ट्रासाउंड करने की विशेषज्ञता रेडियोलॉजिस्ट के पास है. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत पहले भी डॉक्टर ऐसे कोर्स पर अल्ट्रासाउंड करते थे किंतु उस अल्ट्रासाउंड की गुणवत्ता संदिग्ध थी.

अल्ट्रासाउंड की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए एमसीआइ ने छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स करना अनिवार्य किया है. नये नियम के तहत रेडियोलॉजिस्ट, स्त्री रोग के एमडी एवं डीएनबी को सामान्य जांच की अनुमति होगी.

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