दो दुकानें ही लाइसेंसी

उल्लंघन.अवैध रूप से बेचे जा रहे गिट्टी-बालू पूर्णिया जिले में महज दो िगट्टी-बालू विक्रेता के पास ही लाइसेंस है, जबकि सैकड़ों दुकानें अवैध रूप से चलायी जा रही हैं. हालांकि विभाग की ओर से सख्ती बरती जा रही है, लेकिन यह सख्ती चिराग तले अंधेरा जैसा है. पूर्णिया : जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2016 6:23 AM

उल्लंघन.अवैध रूप से बेचे जा रहे गिट्टी-बालू

पूर्णिया जिले में महज दो िगट्टी-बालू विक्रेता के पास ही लाइसेंस है, जबकि सैकड़ों दुकानें अवैध रूप से चलायी जा रही हैं. हालांकि विभाग की ओर से सख्ती बरती जा रही है, लेकिन यह सख्ती चिराग तले अंधेरा जैसा है.
पूर्णिया : जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल की ओर से जारी सख्त निर्देश के बाद जिले में अवैध गिट्टी व बालू कारोबारियों के विरुद्ध जिला खनन विभाग सख्ती दिखाने लगा है. इसके तहत बायसी अनुमंडल के इलाके में खनन पदाधिकारी मतिउर रहमान की ओर से करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. लेकिन जिला खनन विभाग की यह कार्रवाई चिराग तले अंधेरा के समान है. दरअसल विभागीय आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में महज दो गिट्टी बालू के कारोबारी को ही लाइसेंस निर्गत है. जिसमें से शहर में एकमात्र लाइसेंस गुलाबबाग के अब्दुल्ला नगर में निर्गत है.
यह लाइसेंस मेसर्स बीएस एसोसिएट्स के नाम जारी है, जिसके प्रोपराइटर बुझारत शर्मा हैं. वहीं दूसरा लाइसेंस रूपौली प्रखंड के धोबगिद्धा में मेसर्स साहा ट्रेडर्स के नाम से निर्गत है, जिसके प्रोपराइटर प्रदीप कुमार साह हैं. जबकि अकेले शहर में ही दो दर्जन से अधिक अवैध डिपो संचालित हैं. लेकिन हैरत की बात यह है कि खनन विभाग की नजर इन डिपो पर नहीं पड़ रही है. जाहिर है विभागीय कार्रवाई खुद सवालों के घेरे में है.
लाखों के राजस्व का हो रहा घाटा : जिले में गिट्टी बालू से जुड़े कारोबारियों को लाइसेंस के माध्यम से जोड़ने की कवायद अब तक सिफर रही है. जबकि कारोबार रोजाना अपने पैर पसार रहा है. नतीजा है कि कारोबार में होने वाले बचत को देखते हुए कारोबारियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. दीगर बात है कि लाइसेंस प्राप्त करने के प्रति न तो कभी दुकानदारों ने रूचि दिखायी है और न ही विभागीय पहल भी हुई है. जानकार बताते हैं कि रोजाना 25 से 30 ट्रक गिट्टी और 35 से 40 ट्रक बालू पूर्णिया के अलावा आसपास के जिलों में भी पहुंचता है. ट्रक और ट्रैक्टर के माध्यम से होने वाले इस कारोबार को अवैध संचालक ही सबसे अधिक चांदी काट रहे हैं. वही विभाग को इस कारोबार से होने वाले टैक्स के रूप में राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
हर बार अछूता रह जाता है शहर : खनन माफियाओं के विरुद्ध प्रशासन की यह कार्रवाई कोई नयी नहीं है. इससे पूर्व भी वर्ष 2015 में जब सात डिपो संचालक पंजीकृत थे, तब भी शहर में एकमात्र डिपो को लाइसेंस प्राप्त थी. लेकिन कार्रवाई जब भी हुई है, शहर इससे अछूता रह गया है. जानकार बताते हैं कि इसकी मूल वजह यह है कि ऐसे डिपो संचालकों को खुद खनन विभाग का संरक्षण प्राप्त है. लिहाजा विभागीय अधिकारी भी वरीय अधिकारी के आदेश के बाद ग्रामीण इलाकों में अपना दंभ दिखा कर वाहवाही लूटने का प्रयास करते हैं. वहीं शहर में यह अवैध कारोबार द्रुत गति से विभागीय संरक्षण में ही फल-फूल रहा है.
पांच की रद्द हो चुकी है लाइसेंस
गिट्टी बालू के कारोबार से जुड़े पांच डिपो संचालकों की लाइसेंस गत वर्ष ही रद्द की गयी है. साथ ही खनन विभाग की ओर से इन संचालकों के विरुद्ध गत 03 दिसंबर को प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. इसमें श्रीपुर के एमएच ट्रेडर्स के प्रोपराइटर नसीम हसन, चरैया के लीलावती इटरप्राइजेज की लीलावती देवी, श्रीपुर मल्लाह टोली के मेसर्स सुमी ट्रेडर्स के प्रोपराइटर अकमल हुसैन, श्रीपुर एमएस ट्रेडर्स के प्रोपराइटर मंजूर आलम व श्रीपुर के मेसर्स अरमान ट्रेडर्स के प्रोपराइटर अब्दुल अलीम शामिल हैं. सभी भवानीपुर प्रखंड के बताये जाते हैं. खनन विभाग के अनुसार इन संचालकों की ओर से पंजी का नियमित संधारण नहीं किया जा रहा था. साथ ही गुणवत्ता में भी मानकों की पूर्ति नहीं की जा रही थी.
अवैध िगट्टी व बालू िवक्रेताओं के िखलाफ सख्ती बरतने लगा है िजला खनन िवभाग
दो दर्जन से अिधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
अवैध संचालकों पर कार्रवाई का दिया निर्दश
जिला खनन पदाधिकारी को सभी इलाकों में छापेमारी करने व अवैध डीपो संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. शहरी इलाकों में भी डिपो संचालकों के विरुद्ध भी विशेष अभियान चलाया जायेगा.
पंकज कुमार पाल, जिलाधिकारी, पूर्णिया
चार जिलों का प्रभार रहने के कारण छापेमारी में परेशानी हो रही है. सभी इलाकों में अवैध डीपो संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
मतिउर रहमान, जिला खनन पदाधिकारी, पूर्णिया

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