महानंदा का जलस्तर बढ़ा, स्थिति नियंत्रण में

खतरे का अंदेशा. नदियों के जलस्तर में वृिद्ध होने कारण बाढ़ का भय पर नदियां खतरे के निशान से नीचे पूर्णिया : बीते 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से मौसम खुशगवार हो गया है, तो किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं. लेकिन दूसरी ओर महानंदा और परमान के किनारे बसे गांव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2016 7:50 AM
खतरे का अंदेशा. नदियों के जलस्तर में वृिद्ध होने कारण बाढ़ का भय पर नदियां खतरे के निशान से नीचे
पूर्णिया : बीते 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से मौसम खुशगवार हो गया है, तो किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं. लेकिन दूसरी ओर महानंदा और परमान के किनारे बसे गांव के लोग जलस्तर में हुई वृद्धि से चिंतित नजर आ रहे हैं.
इसकी वजह यह है कि पश्चिमी कनकई, परमान और मैची को छोड़कर महानंदा और कोसी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से 180 सेंटीमीटर दूर है.
तैयबपुर में महानंदा के जलस्तर में वृद्धि देखने को मिल रही है. यहां महानंदा खतरे के निशान से केवल 1.10 मीटर नीचे है. केंद्रीय जल आयोग के सहायक अभियंता मिथिलेश कुमार ने बताया कि परमान एवं मेची का जल स्तर सोमवार दस बजे सुबह तक घट रहा था. वहीं पश्चिमी कनकई का जलस्तर अभी स्थिर है.
शहर में जलजमाव से बढ़ी परेशानी : लगातार बारिश से शहर में जलजमाव की स्थिति पैदा हो गयी है. खास कर मोहल्ले की गलियों में जलजमाव से लोगों की परेशानी बढ़ी है. दरअसल शहरी क्षेत्र में जलनिकासी की व्यवस्था मुकम्मल नहीं है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
इधर, जलालगढ़ में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन प्रभावित होने लगा है. लगातार बारिश के कारण लोग घर से नहीं निकल पा रहें हैं. वहीं छोटे फुटकर दुकानदार बारिश के कारण दुकान नहीं खोल पा रहे हैं. जो दुकानें खुल रही हैं, वहां भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं.
इधर लगातार बारिश व जलजमाव के कारण सड़कें भी कीचड़ में तब्दील हो चुकी हैं. ईद का मौसम होने के बावजूद सामान की बिक्री नहीं होने से दुकानदारों में निराशा व्याप्त है. वहीं अधिकांश सड़कों पर रेनकट की समस्या भी उप्तन्न होने लगी है. विशेष तौर पर परमान नदी से सटे खाता हाट जाने वाली सड़क पर रेनकट के कारण इसका अस्तित्व भी खतरे में पड़ता नजर आ रहा है. इसके अलावा मुख्यालय बाजार में ओवर ब्रिज के दोनों ओर जलजमाव से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है.
24 घंटे में हुई 93. 8 मिलीमीटर बारिश
बीते 24 घंटे में अर्थात सोमवार की शाम 5 बजे तक जिले में 93.8 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी. इस प्रकार अब तक मानसून की बारिश 305 मिलीमीटर दर्ज हुई है जो समुचित है. इस बारिश की वजह से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. रविवार और सोमवार को हुई बारिश के बाद किसानों द्वारा धान की रोपनी तेज कर दी गयी. जानकारों की माने तो दो दिन की यह बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है. 30 जून तक जिले में महज 12 फीसदी धान की रोपनी हो पायी थी. अब समुचित बारिश के बाद रोपनी में तेजी आने की संभावना है.

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