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मलेरिया-चिकनगुनिया का खतरा

बरतें सावधानी. बरसात में जलजमाव के कारण बढ़ रहे हैं मच्छर पूर्णिया : बरसात के दस्तक देते ही मच्छरों का कहर भी शुरू हो जाता है. मलेरिया ,डेंगू और चिकनगुनिया इस मौसम में मच्छरों के काटने से फैलते है. बरसात के मौसम में पनपने वाले मच्छर सेहत के लिए खतरनाक साबित होते हैं. इतना ही […]

बरतें सावधानी. बरसात में जलजमाव के कारण बढ़ रहे हैं मच्छर
पूर्णिया : बरसात के दस्तक देते ही मच्छरों का कहर भी शुरू हो जाता है. मलेरिया ,डेंगू और चिकनगुनिया इस मौसम में मच्छरों के काटने से फैलते है. बरसात के मौसम में पनपने वाले मच्छर सेहत के लिए खतरनाक साबित होते हैं. इतना ही नहीं, ऐसे में अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है. थोड़ी सी सावधानी बरतने से मच्छरजनित रोगों से बचा जा सकता है .
मलेरिया मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है. यह मच्छर नमीयुक्त वतावरण में पनपते हैं.मलेरिया में सर्दी लगकर तेज बुखार आना ,फिर गर्मी लगना , पसीने के साथ बुखार का उतरना , उल्टी ,सिर दर्द और खून की कमी इसके विशिष्ट लक्षण हैं. कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखायी देते हैं. यह लक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि यह रोग किस परजीवी के कारण उत्पन्न हुआ है और कितने लंबे समय से है.
इस बात का ध्यान रखें कि मलेरिया के मच्छर काटने से एक से चार हफ्ते बाद बीमारी के लक्षण नजर आ सकते हैं. इसका इलाज तमाम जिला अस्पतालों में उपलब्ध है. डेंगू एक वायरस जनित रोग है जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. इसमें तेज बुखार , सिर दर्द ,बदन दर्द ,जी मिचलाना , उल्टी , दस्त और त्वचा पर लाल दाने हो सकते हैं. डेंगू दुनिया भर में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरल रोग है क्योंकि अकेला संक्रमित मच्छर अनेक लोगो को डेंगू रोग से ग्रसित कर सकता है.
रोग की गंभीरता में प्लेटलेट्स काफी कम हो जाते हैं. यदि समय पर उचित उपचार ना मिले तो रोगी कोमा में चला जाता है. यदि बुखार 1-2 दिन में ठीक ना हो तो तुंरत डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाना चाहिए . याद रखें डेंगू का कोई ख़ास उपचार अभी तक उपलब्ध नही है. सिर्फ लक्षण के आधार पर ही उपचार किया जाता है.
डेंगू इन्फेक्शन का पता ब्लड टेस्ट द्वारा लगाया जाता है. इससे बचने के लिए कोई स्पेशल दवा नही है, लेकिन इस दौरान सही से आराम करने और बहुत से पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है. इन दिनों बुखार कैसा भी हो , यदि जल्दी आराम न मिले तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. मच्छरों से बचाव एवं शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए.
वायरल फीवर है चिकनगुनिया
चिकनगुनिया एक प्रमुख वायरल फीवर है, जो कभी कभी महामारी का रूप भी लेता है. ये एडीज मच्छर के कारण होता है. यह मच्छर िदन में सक्रिय होते हैं. इसके लक्षण डेंगू के बुखार के समान होते हैं.
शरीर में वायरस के पूरी तरह से आक्रमण करने पर जोड़ों में दर्द, आमतौर पर बीमारी के दो और पांच दिन के बीच धब्बेदार दाने देखे जा सकते हैं. कुछ रोगियों को आंखों का संक्रमण हो सकता है साथ में आंखों में थोड़ा बहुत खून का रिसाव भी होता है .
ऐसे बढायें प्लेटलेट्स की संख्या
गिलोय मेटाबोलिक रेट बढाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है. इसमें तुलसी के पत्ते भी डाले जा सकते हैं. पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स की संख्या बढाने में मदद करते हैं. शरीर में दर्द, कमजोरी महसूस होना,उबकाई आना, थकान महसूस होना जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में पपीते के पत्ते सहायक हैं. मेथी के पत्ते भी बुखार कम करने में सहायक हैं. तुलसी के पत्ते और काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है. नीम, पीपली, गेंहू के ज्वारों का रस,आंवला व ग्वारपाठे का जूस डेंगू के बचाव में बहुत उपयोगी है .
ये करें उपाय
मच्छरदानी लगाकर सोयें.
घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा छिडकें.
घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवायें.
हल्के रंग के कपड़े पहनें, जिससे आपका शरीर पूरी तरह ढंका हो.
ऐसी जगह पर न जायें, जंहा झाडियां हों क्योंकि वहां मच्छर ज्यादा होते हैं.
अपने घर और आसपास की सफाई का विशेष ध्यान दें. आसपास गंदगी बिलकुल न होने दें.
कूलर और फ्रिज का पानी नियमित रूप से बदलें और घर के आसपास पानी जमा न होने दें.
बारिश का पानी निकलने वाली नालियों, पुराने टायरों, बाल्टियों, प्लास्टिक कवर, खिलौनों और अन्य जगह पर पानी बिलकुल न रुकने दें, दीवारों-दरवाजों और खिड़कियों की दरारों को भर दें.
शाम होते ही घर की खिड़कियों को बंद कर लें.
बच्चों को घर के अंदर ही खेलने के लिए प्रेरित करें.
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय एवं शाम को घर के अंदर रहें क्योंकि मच्छर इस वक्त ज्यादा सक्रिय होते हैं.
अपनी सेहत बनाये रखने के लिए मौसमी फलों का सेवन करें, लेकिन सलाद और कच्ची सब्जियां न खायें .
(रिपोर्ट-जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सीएम सिंह से बात-चीत पर आधारित)
डॉक्टर की लें सलाह
चिकनगुनिया का भारतीय चिकित्सा में अभी तक कोई ठोस इलाज उपलब्ध नही है. ऐसे में डॉक्टर सभी को जागरूक रहने और सतर्क रहने की लगातार सलाह देते हैं. चिकनगुनिया के दौरान जोड़ों में बहुत दर्द होता है, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक, बुखाररोधी दवा ली जा सकती है. संक्रमित व्यक्ति बहुत ज्यादा लोगों से न मिलते हुए अपनी देखभाल और साफ-सफाई पर खास ध्यान रखा जाना चािहए.

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