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हत्या के अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा व 10 हजार जुर्माना
पूर्णिया : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हौसिला प्रसाद त्रिपाठी ने हत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए जलालगढ़ थाना क्षेत्र के पनखौवा गांव के मो तालेब, जमशेद तथा अली आरा खातून को आजीवन कारावास की सजा व प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दरअसल मामला महज दो वर्ष पुराना है, […]
पूर्णिया : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हौसिला प्रसाद त्रिपाठी ने हत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए जलालगढ़ थाना क्षेत्र के पनखौवा गांव के मो तालेब, जमशेद तथा अली आरा खातून को आजीवन कारावास की सजा व प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दरअसल मामला महज दो वर्ष पुराना है, जिसकी सुनवाई सत्रवाद संख्या 160/14 के तहत हुई थी. मामले की सूचक बीबी लालमुन बतायी जाती है. घटना में सूचक के बेटे मो निजाम की हत्या 23 अक्टूबर 2013 को आठ बजे रात में कर दी गयी थी.
सूचिका का पुत्र अभियुक्त मो तालेब तथा जमशेद को अपने पिता के साथ मारपीट नहीं करने की बात समझा रहा था. इसी बात को लेकर दोनों ने निजाम को जान मारने की धमकी दे दी और अंतत: उसे छुरा घोंप दिया. साथ ही साथ अन्य दोनों अभियुक्त भी अपने हथियार का प्रहार करके निजाम को एवं अन्य रिश्तेदारों को भी जख्मी कर दिया.
अस्पताल ले जाने के क्रम में निजाम की मौत हो गयी. मामले में सहायक लोक अभियोजक ने कुल नौ गवाही करायी और अंतत: न्यायालय ने अभियुक्तगणों को दोषी पाते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत उम्रकैद की कठोर सजा तथा प्रत्येक को 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया तथा 307 के तहत आठ वर्ष के कारावास व प्रत्येक को पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया व 452 तथा 34 में चार वर्ष कैद की सजा तथा तीन हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
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