चारों ओर खलबली

नगर िनगम. होल्डिंग टैक्स की राह नहीं है आसान नगर िनगम शहर में होल्डिंग टैक्स की वसूली के िलए िनयम व कानून का िशकंजा कसता जा रहा है. इससे जहां शहरवासियों को लाभ होगा वहीं राजस्व में भी वृद्धि होगी. पूर्णिया : होल्डिंग टैक्स को लेकर जिस तरह विभाग नियम और कानून का शिकंजा कसता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2016 6:00 AM

नगर िनगम. होल्डिंग टैक्स की राह नहीं है आसान

नगर िनगम शहर में होल्डिंग टैक्स की वसूली के िलए िनयम व कानून का िशकंजा कसता जा रहा है. इससे जहां शहरवासियों को लाभ होगा वहीं राजस्व में भी वृद्धि होगी.
पूर्णिया : होल्डिंग टैक्स को लेकर जिस तरह विभाग नियम और कानून का शिकंजा कसता जा रहा है, ऐसे में एक बार शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि यह सच है कि शहर को सुविधा चाहिए तो टैक्स भी चुकाना ही पड़ेगा. दरअसल सबसे बड़ी समस्या यह है कि होल्डिंग टैक्स के मामले में अब तक निगम की कवायद खानापूर्ति की रही और लोगों की मानसिकता भी टैक्स चुराने की रही है.
यह अलग बात है कि होल्डिंग टैक्स के खेल में कई निगमकर्मी मालामाल हो गये, जबकि निगम की आर्थिक स्थिति जस की तस बनी रही. अब जबकि नयी कवायद आरंभ हुई है तो निगम का राजस्व भी बढ़ना तय माना जा रहा है तो दूसरी ओर टैक्स चुराने वालों पर भी गाज गिरनी तय है. वहीं टैक्स संग्रह से जुड़े कर्मियों पर भी नकेल कसती नजर आ रही है.
दरअसल नगर विकास एवं आवास विभाग ने होल्डिंग का आंतरिक सर्वेक्षण तथा वार्डों में बने भवनों को लेकर स्वकर िनर्धारण प्रपत्र की जांच भी प्रारंभ कर दी है. इतना ही नहीं नगर निकायों की स्थिति और सुस्त चाल को देखते हुए टैक्स वसूली की नयी रणनीति एवं कर सर्वेक्षण के लिए टास्क फोर्स का गठन भी भर कर लिया है. इस वजह से आम लोगों एवं परिजनों के बीच खलबली मची हुई है. समूचे मामले में स्थिति यह है कि शहर में होल्डिंग टैक्स का मामला फंसता नजर आ रहा है. वह यूं कि बीते कई दशक से शहर में भवन नर्मिाण के साथ होल्डिंग एवं अन्य मामलों में जैसे-तैसे होल्डिंग कायम कर टैक्स वसूली होती रही है.
बदलेगा होल्डिंग का स्वरूप
शहर में होल्डिंग टैक्स को लेकर जारी विभागीय कवायद से शहर के अधिकांश लोगों की परेशानी बढ़ेगी. दरअसल शहर के कई हस्सिों में स्वकर प्रपत्र भरने एवं नगर निगम में जमा करने के बाद लोगों ने आवश्यकता अनुरूप मकानों एवं भवनों का वस्तिार किया है. कई भवनों में दुकानें भी खुली है. ऐसे में ताजा सर्वेक्षण में होल्डिंग कर स्वरूप बदलेगा. कर राशि भी बढ़ने से नयी नियमों के अनुरूप उनकी परेशानी बढ़ सकती है. वहीं इस नये सख्ती से निगम की मिलने वाली राशि से शहर का विकास भी तेजी से होगा.

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