पत्नी के हत्यारे को आजीवन कारावास, पांच हजार जुर्माना

पूर्णिया कोर्ट : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र रजक ने पत्नी की हत्या के मामले में बनमनखी थाना के पीपरा गांव निवासी विद्यानंद ऋषि को आजीवन कारावास की सजा सुनाया तथा पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामला सत्रवाद संख्या 629/13 से संबंधित है. इसके लिए बनमनखी थाना कांड संख्या 116/12 दर्ज किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2016 4:07 AM

पूर्णिया कोर्ट : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र रजक ने पत्नी की हत्या के मामले में बनमनखी थाना के पीपरा गांव निवासी विद्यानंद ऋषि को आजीवन कारावास की सजा सुनाया तथा पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामला सत्रवाद संख्या 629/13 से संबंधित है. इसके लिए बनमनखी थाना कांड संख्या 116/12 दर्ज किया गया था. सूचक मृतका के चाचा जंगलू ऋषि थे. मामला चार वर्ष पुराना है.

दरअसल बनमनखी के हरिमूढ़ी निवासी जंगलू ऋषि ने घटना के समय से करीब 15 वर्ष पूर्व ही अपनी भतीजी मीला देवी की शादी विद्यानंद ऋषि से किया था. शादी के बाद तीन बच्चे भी हुए थे. लेकिन अभियुक्त मृतका को बराबर तंग किया करता था और 30 जुलाई 2012 को सूचक को खबर मिली कि उसकी भतीजी की हत्या कर दी गयी है. वह जब भतीजी के ससुराल पहुंचा तो वहां ना दामाद था और ना ही भतीजी उपस्थित थी. वह वापस हो गया.
पुन: ग्रामीणों ने 03 अगस्त 2012 को फोन द्वारा बताया कि मीला की हत्या कर लाश को गरेड़िया पोखर में दबा दिया गया है. बाद में सड़ी-गली अवस्था में लाश बरामद हुआ. लाश को भागलपुर मेडिकल में जांच हेतु भेजा गया. मामले में सहायक लोक अभियोजक रमाकांत ठाकुर ने सात गवाह प्रस्तुत किया और अंतत: मामले में धारा 302/201 भारतीय दंड विधान आजीवन कारावास की सजा तथा 05 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया.

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