जिले में 2.54 लाख घर बिजली विहीन

जिले में 4.54 लाख घर मौजूद हैं और आज भी 2.54 लाख घर बिजली विहीन हैं. इसका खुलासा मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल घर-घर बिजली योजना के सर्वे के बाद हुआ है. पूर्णिया : जाहिर है आजादी के 69 साल बाद भी जिले के 50 फीसदी से अधिक घर लालटेन युग में जी रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2016 8:53 AM
जिले में 4.54 लाख घर मौजूद हैं और आज भी 2.54 लाख घर बिजली विहीन हैं. इसका खुलासा मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल घर-घर बिजली योजना के सर्वे के बाद हुआ है.
पूर्णिया : जाहिर है आजादी के 69 साल बाद भी जिले के 50 फीसदी से अधिक घर लालटेन युग में जी रहे हैं.सर्वे में कई आंकड़े चौंकाने वाले भी हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि बिजली कनेक्शन के मामले में एपीएल वर्ग की तुलना में बीपीएल आगे रहा है. सूबे में सबसे पहले सर्वे कार्य पूरा कर जिले के विद्युत विभाग ने बाजी मार ली है.
सर्वे के बाद बिजली विहीन घरों में बिजली कनेक्शन के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा टेंडर निकाला गया है. जिसमें जिला के लिए एक एजेंसी को प्रतिनियुक्त किया जायेगा. इस एजेंसी का काम पोल गाड़ने से लेकर घरों में बिजली कनेक्शन तक पहुंचाना होगा. जाहिर है आने वाले समय में जिले का हर घर रोशन होगा और मुख्यमंत्री द्वारा किया गया निश्चय भी पूरा होगा.
चार लाख 54 हजार 377 घरों का किया गया सर्वे : मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत जिले में सर्वे का काम 25 जून से आरंभ हुआ. सर्वे का कार्य निश्चित समय में 25 सितंबर को पूरा भी हो गया. सर्वे में इंदिरा आवास सहायक और पंचायत रोजगार सेवक को लगाया गया था.
इस दौरान 04 लाख 54 हजार 377 घरों का सर्वे किया गया. निर्धारित समय में सर्वे का कार्य पूरा कर पूर्णिया सूबे का अव्वल जिला बन गया. इतना ही नहीं सर्वे कार्य में लगे कर्मियों में से बीकोठी और भवानीपुर प्रखंड के कर्मियों को मानदेय का भी भुगतान कर दिया गया है. शेष प्रखंडों में मानदेय भुगतान की प्रक्रिया जारी है. खास बात यह है कि सर्वे की गुणवत्ता की जांच खुद कार्यपालक अभियंता रमेंद्र कुमार द्वारा की गयी. श्री कुमार के अनुसार 69 घरों की एरेंडम जांच की गयी, जो शत प्रतिशत सही पाया गया. इसके अलावा सहायक अभियंता और कनीय अभियंता द्वारा भी इसी प्रकार की एरेंडम जांच की गयी.
बिजली सुविधा के मामले में एपीएल से कहीं आगे बीपीएल वर्ग के लोग हैं. कुल एक लाख 58 हजार 954 एपीएल वर्ग के घर िबजली विहीन हैं. जबकि बीपीएल वर्ग की संख्या महज 95 हजार 120 है.
जिन घरों में बिजली है, उनमें भी एपीएल की संख्या 90 हजार 544 की तुलना में बीपीएल की संख्या 01 लाख 09 हजार 759 है. पोल के माध्यम से बिजली हासिल करने में भी बीपीएल समुदाय ने बाजी मारी है. बीपीएल समुदाय के 82 हजार 986 घरों में पोल के सहारे बिजली गयी है, जबकि एपीएल वर्ग में केवल 54 हजार 783 घर शामिल हैं. बिजली से वंचित एपीएल घरों में एजेंसी द्वारा बिजली पहुंचायी जायेगी, जबकि जिले के बिजली से वंचित 95 हजार 120 बीपीएल उपभोक्ताओं को बजाज कंपनी द्वारा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत मुफ्त बिजली उपलब्ध करायी जायेगी.

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