उर्दू अनुवादक व कर्मियों को दिया प्रशिक्षण
कार्यशाला में उपस्थित डीडीसी, एडीएम व अन्य व उपस्थित उर्दू अनुवादक व कर्मी. पूर्णिया : राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में मंगलवार को स्थानीय कला भवन परिसर में जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ उप विकास आयुक्त राम शंकर, अपर समाहर्ता डा रवींद्र नाथ, सदर एसडीएम रवींद्र नाथ […]
कार्यशाला में उपस्थित डीडीसी, एडीएम व अन्य व उपस्थित उर्दू अनुवादक व कर्मी.
पूर्णिया : राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में मंगलवार को स्थानीय कला भवन परिसर में जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ उप विकास आयुक्त राम शंकर, अपर समाहर्ता डा रवींद्र नाथ, सदर एसडीएम रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह व सामान्य शाखा के प्रभारी पदाधिकारी अनिल कुमार ने किया. मौके पर डीडीसी व एडीएम ने उर्दू के महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि बिहार में 1981 से ही उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ.
लेकिन अब तक इसका अपेक्षित विकास नहीं हो सका है. जनवरी 2016 में राज्य सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से उर्दू के विकास हेतु पहल किया. आज इसी कड़ी के तहत उर्दू कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.अररिया से आमंत्रित शिक्षक अबुल बसर फैजानी ने हिंदी-उर्दू के संबंध के बारे में शायरी के माध्यम से अपना उद्गार व्यक्त किया. उन्होंने शायरी के अंदाज में कहा
‘ हिंदी भी कायम रहे, बांकी रहे उर्दू ’. कार्यशाला में उर्दू कर्मियों के बीच लर्निंग किट का भी वितरण किया गया. सभी कर्मियों ने हिंदी से उर्दू एवं उर्दू से हिंदी अनुवाद, शब्दावली, आवेदन पत्र लिखने, टिप्पण एवं प्रारूपन के बारे में जानकारी आदान-प्रदान की. साथ ही अधिक से अधिक उर्दू भाषा के प्रयोग पर कार्यशाला में बल दिया गया.
कर्मियों ने समूह चर्चा के माध्यम से कार्यालय कार्यों में उर्दू के व्यावहारिक कार्यान्वयन पर चर्चा किया. इस क्रम में कई बहुमूल्य सुझावों का आदान-प्रदान भी किया गया. कार्यशाला में जिला के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत उर्दू कर्मी, अनुवादक तथा अररिया से आमत्रिंत शिक्षक अबुल बसर फैजानी, अनुमंडल कार्यालय अररिया के कर्मी मो खालिद आदि उपस्थित थे.