पूर्णिया : सावधान, बढ़ती ठंड के साथ कोल्ड डायरिया एवं स्ट्रोक भी अब दस्तक दे रहा है. दिसंबर माह में अब तक कोल्ड डायरिया से प्रभावित 40 मरीज सदर अस्पताल के डायरिया वार्ड में भरती हो चुके हैं. ऐसे में ठंड से बचाव करके काफी हद तक इन रोगों से बचा जा सकता है. सदर अस्पताल में कोल्ड डायरिया के इलाज की व्यवस्था तो है,
लेकिन स्ट्रोक एवं सांस के आम रोगियों के लिए सदर अस्पताल में मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. सदर अस्पताल के आपात कालीन वार्ड में रोजाना औसतन दो से तीन मरीज कोल्ड डायरिया एवं डायरिया के और दो मरीज ह्रदय रोग एवं सांस से संबंधित पहुंचते हैं. डॉक्टरों के अनुसार जैसे -जैसे ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, रोगियों की संख्या में और भी वृद्धि होने की संभावना है.
संसाधन के बावजूद इलाज नहीं : कोल्ड डायरिया के मरीजों का इलाज संक्रामक वार्ड में हो जाता है. लेकिन सदर अस्पताल का आइसीयू वार्ड बंद रहने के कारण हृदय रोगियों एवं सांस के रोग से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में मध्यम वर्गीय रोगी बाहर का रास्ता तय कर लेते हैं. लेकिन गरीब रोगियों को काफी फजीहत उठानी पड़ती है. अस्पताल में आइसीयू वार्ड के उद्घाटन के लगभग तीन वर्ष होने को है. इसमें तमाम उपकरण अत्याधुनिक लगे हैं. लेकिन अस्पताल प्रशासन की उदासीनता के कारण आइसीयू अब तक चालू नहीं हो पाया है. रोजाना गरीब मरीज इलाज के लिए परेशान दिख रहे हैं. इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
बरतें सावधानी : कोल्ड डायरिया एवं स्ट्रोक में बरते सावधानी बरतने की आवश्यकता है. ठंड के मौसम में कोल्ड डायरिया से बचने के लिए यथासंभव सुपाच्य एवं ताजा भोजन करना चाहिए. पीने की पानी को उबाल कर पीने से सर्दी,जुकाम एवं खांसी सहित कोल्ड डायरिया के संभावित खतरों से बचा जा सकता है. यदि समस्या हो जाये तो मरीज को नमक,चीनी का घोल समय समय-समय पर देना चाहिए. स्ट्रोक के मरीजों को यथासंभव ठंड में बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए. यदि फिर भी स्ट्रोक अपना शिकार बना ले तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
डॉक्टर के अभाव में हो रही है परेशानी
डॉक्टरों के अभाव के कारण आइसीयू संचालन में परेशानी उत्पन्न हो रही है. वैसे जैसे-तैसे सदर अस्पताल मेंआइसीयू को चलाया जा
रहा है.
डॉ एम एम वसीम, सिविल सर्जन, पूर्णिया