पौष खत्म, 20 जनवरी से बजेगी शहनाई, बाजार में रौनक

कल तक लाखों खर्च कर शादी-विवाह के आयोजन में अपना स्टेटस सिंबल बरकरार रखने वालों के इस बार छूट रहे हैं पसीने. पूर्णिया : दूल्हा-दुल्हन के मिलन में वो अड़चन बन कर सामने आ रहा है. वो का आशय नोटबंदी से है जो शादी के इस मौसम में कारोबारियों से लेकर वर और वधू पक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2017 4:44 AM

कल तक लाखों खर्च कर शादी-विवाह के आयोजन में अपना स्टेटस सिंबल बरकरार रखने वालों के इस बार छूट रहे हैं पसीने.

पूर्णिया : दूल्हा-दुल्हन के मिलन में वो अड़चन बन कर सामने आ रहा है. वो का आशय नोटबंदी से है जो शादी के इस मौसम में कारोबारियों से लेकर वर और वधू पक्ष के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. पौष खत्म हो चुका है और अब शुभ लग्न भी दस्तक दे रहा है. लिहाजा शादी की तैयारियां आरंभ हो गयी है. डेकोरेटर से लेकर डीजे और फूल तथा अन्य सामग्रियों के बाजार में रौनक भी बढ़ने लगी है. लेकिन कैशलेस कारोबार और निकासी सीमा की बंदिश ने सबों की परेशानी बढ़ा रखी है. यह दीगर बात है कि शादी-विवाह की तैयारियों में जुटे लोग अंदरूनी जुगाड़ तकनीक के सहारे प्रबंधन में लगे हैं. लेकिन इस जुगाड़ से खुशियां फीकी-फीकी ही नजर आ रही है.
बुकिंग हुई तेज
20 जनवरी से विवाह मुहूर्त आरंभ हो रहा है. लग्न की दस्तक के साथ ही बैंड-बाजा, डीजे, कैटरिंग, डेकोरेटर, विवाह स्थल की बुकिंग तेज हो गयी है. पौष के पहले भी बुकिंग एडवांस की जा चुकी है. लेकिन बावजूद इसके इन कारोबारियों के चेहरों की मुस्कान फीकी है. इसके कई कारण बताये जा रहे हैं. पहली वजह नगदी की जगह चेक, इन कारोबारियों के लिए सिरदर्द बन गया है. इनकी मानें तो चेक बैंकों में जमा करने के बाद नगदी की निर्धारित सीमा की वजह से मजदूरों को सही वक्त पर भुगतान मुश्किल हो रहा है.
अगले दो महीने तक सब बुक
बैंड बाजा से लेकर टेंट और डेकोरेटर, लाइट वालों से लेकर कैटरर तक सब अगले दो महीने अर्थात मार्च तक बुक है. यह अलग बात है कि अभी भी बुकिंग जारी है. लेकिन बुकिंग के दौरान शादी-विवाह के आयोजक एडवांस में नगदी के जगह चेक दे रहे हैं, जो इनके लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. जानकार बताते हैं कि बुकिंग में भी नोटबंदी का असर देखने को मिल रहा है. खासकर निर्धारित राशि के मामले में ग्राहक नोटबंदी का हवाला देकर छूट की मांग करते हैं. लिहाजा व्यवसाय करना आसान नहीं रह गया है.
आयोजक लगे हैं जुगाड़ : में, नहीं दिख रही राह
कल तक लाखों खर्च कर शादी-विवाह के आयोजन में अपना स्टेटस सिंबल बरकरार रखने वालों के इस बार पसीने छूट रहे हैं. शादी की तैयारी और सामानों की खरीदारी के साथ साजों-सज्जा पर खर्च को लेकर नगदी का जुगाड़ करना जुगाड़ मुश्किल हो रहा है. यह दीगर बात है कि बैंकों से शादी के नाम पर पैसे मिल रहे हैं. लेकिन उक्त राशि से समारोह का आयोजन मुश्किल है. इस बार नोटबंदी के बाद शादी की खुशियों पर नगदी का पेंच फंसता नजर आ रहा है. धन है पर खर्च की सीमा सिमट गयी है. जिसके कारण बाजारों में सोने-चांदी की दुकान से लेकर खाद्य पदार्थ तक की खरीदारी में आयोजक कटौती कर रहे हैं.
लगन की दस्तक के साथ ही बैंड-बाजा, डीजे केटरिंग, डेकोरेटर व विवाह स्थल की बुकिंग हो गयी है तेज
15 दिसंबर को शुरु हुए खरमास की समाप्ति 14 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ हो गयी. इसके साथ ही मांगलिक कार्य का शुभारंभ हो गया. हालांकि शुभ लग्न 16 जनवरी से शुरु होगा और क्षेत्रों में शहनाई की गूंजने लगेगी. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने बताया कि खरमास की समाप्ति 14 जनवरी शनिवार को दोपहर 1:51 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश के साथ हो गया. इस माह में 16 जनवरी को शुभ लग्न शुरू होगा. हालांकि खरमास समाप्ति के बाद जो नवीन कार्य सर्वथा वर्जित थे, वह अब शुरू हो चुका है. इसमें वधु प्रवेश, भूमि पूजन, उपनयन, गृह प्रवेश, नवीन व्यापार, दुकान आदि शामिल है.

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