जलजमाव से नहीं मिल रही है निजात

रफ्तार. 12 साल में खर्च नहीं हुए 11 करोड़ शहर में जलनिकासी व्यवस्था के तमाम दावे आज तक कोरे वादे ही साबित हुए हैं और हकीकत कुछ और ही है. इसमें लापरवाही की जड़ें काफी गहरी हैं. यही वजह है कि 12 साल के बाद भी 11 करोड़ की जलनिकासी योजना के रुपये विभाग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2017 4:36 AM

रफ्तार. 12 साल में खर्च नहीं हुए 11 करोड़

शहर में जलनिकासी व्यवस्था के तमाम दावे आज तक कोरे वादे ही साबित हुए हैं और हकीकत कुछ और ही है. इसमें लापरवाही की जड़ें काफी गहरी हैं. यही वजह है कि 12 साल के बाद भी 11 करोड़ की जलनिकासी योजना के रुपये विभाग के खाते में बेकार पड़े हैं.
पूर्णिया : वित्तीय वर्ष 2005-06 में राज्य सरकार ने शहर में जलनिकासी व्यवस्था के लिए 11 करोड़ की योजना को मंजूरी दी थी. योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राशि भी विमुक्त की गयी थी. हालांकि इस योजना पर काम ही नहीं शुरू किया गया. इसी दौरान पीएचइडी ने मास्टर प्लान का सब्जबाग दिखाया और करीब 150 करोड़ की योजना की तैयारी में जुट गया. बाद में मास्टर प्लान कागजी कार्रवाई में ही धराशायी हो गया और उसके चक्कर में 11 करोड़ की योजना भी ठंडे बस्ते में चली गयी.
दो योजना को एक योजना बता रहे पीएचइडी व निगम : लालगंज नाला बनाने के पांच साल पुराने डीएम के निर्देश से यह स्पष्ट होता है कि 11 करोड़ की योजना और मास्टर प्लान शहर की जलनिकासी के लिए दो अलग-अलग योजनाएं हैं. हालांकि पीएचइडी और नगर निगम की बातों पर गौर करें, तो योजनाएं दो नहीं बल्कि एक ही हैं. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता परमानंद प्रसाद ने बताया कि मास्टर प्लान के लिए आवंटित राशि नगर निगम को दी गयी है. नगर आयुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि पीएचइडी ने मास्टर प्लान के तहत सात करोड़ रुपये दिये हैं. वहीं दोनों अधिकारियों के बयान में मास्टर साल से दो पहले की योजना का जिक्र नहीं है.
पांच साल पहले जीर्णोद्धार की कवायद हुई थी
पीडब्लूडी दफ्तर के पास से मरंगा बाइपास तक शहर के बीच से गुजरा लालगंज नाला दुर्दशा का शिकार है. पांच साल पहले लंबित 11 करोड़ की योजना से लालगंज नाला के जीर्णोद्धार की कवायद शुरू की गयी थी. तात्कालीन जिलाधिकारी डॉ एन सरवन कुमार ने पुरानी योजना के रुपये लालगंज नाला के कायाकल्प में खर्च करने का हुक्म दिया था. यह तय हुआ था कि बाइपास की तरफ से काम शुरू किया जाए और शहर के अंदर बढ़ा जाए. उसके बाद भी लालगंज नाला निर्माण अगर अधूरा रहता है तो मास्टर प्लान की राशि आने पर शेष काम किया जाए.

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